कोयला फेंक भागे ग्रामीण, फूंके जा रहे हरे भरे पेड़

कोयला फेंक भागे ग्रामीण, फूंके जा रहे हरे भरे पेड़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-17 11:03 GMT
कोयला फेंक भागे ग्रामीण, फूंके जा रहे हरे भरे पेड़

डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। यहां आस पास जंगली क्षेत्रों में रोजगार का कोई ठोस साधन न होने के कारण ग्रामीणजन हरे भरे पेड़ों को जलाकर कोयल बना रहे हैं और  उसी को बेचकर अपनी जीविका चला रहे हंै । ठंड के इस मौसम में बड़ी मात्रा में कोयला वन क्षेत्रों से शहर में पहुंच रहा है। इस मामले में वन विभाग ने पेड़ों की अवैध कटाई पर रोक लगाने के लिए तीन टीम का गठन किया था लेकिन विभागीय स्तर पर अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है लेकिन मंगलवार की सुबह वन विभाग की टीम जब डिण्डौश्री शहडोल मार्ग पर देवरा के पास पहुंची तो वहां कोयला लेकर आ रहे ग्रामीण वन विभाग की टीम को देखते ही कोयला छोछ़कर भाग निकले। इस दौरान वन विभाग ने यहां से 10 बोरी कोयला जब्त किया है। बताया जाता है कि जिले में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में सारसताल, न्यौसा, शाहपुर के जगलों से कोयला आ रहा है। जहां इस कार्य में लगे ग्रामीण महिला पुरुष प्रतिदिन बड़ी संख्या में चोरी-छिपे कोयला लेकर दुकानदारों व लोगों को बेंच रहे हैं। बताया जाता है कि यहां कोयले की बोरी जो कि पूर्व में लोगों को आसानी से 100 रूपए में मिल जाती थी वहीं वन विभाग की कार्रवाई के चलते इसकी कीमत डेढ़ से दो गुना हो गई है और लोग 200 रूपए बोरी में भी कोयला खरीद रहे हैं। यहां वन अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में जो कार्रवाईयां की गई है उसमें 30 क्विंटल से अधिक कोयला जब्त किया जा चुका है। वहीं कोयले के अवैध कारोबार को रोकने के लिए एसडीओ स्तर पर तीन टीमों का गठन भी किया गया है जो सुबह और शाम को अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त दे रहे हैं। वहीं वन क्षेत्रों में भी दबिश दी जा रही है जहां पर पेढ़ आदि कटे मिल रहे हैं उन्हें जब्त किया जा रहा है और मुख्य रूप से नदी और नालों की ओर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है। जहां पर ग्रामीण लकड़ी को जलाकर छोड़ देते हैं।

 

 

 

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