आदिवासी बच्चों के पैरों में नहीं थी चप्पलें, नजारा देख पसीज गया पत्रकार का दिल- सोशल मीडिया पर यूजर्स ने की तारीफ

मदद के हाथ आदिवासी बच्चों के पैरों में नहीं थी चप्पलें, नजारा देख पसीज गया पत्रकार का दिल- सोशल मीडिया पर यूजर्स ने की तारीफ

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-15 13:40 GMT
आदिवासी बच्चों के पैरों में नहीं थी चप्पलें, नजारा देख पसीज गया पत्रकार का दिल- सोशल मीडिया पर यूजर्स ने की तारीफ

डिजिटल डेस्क, जौनपुर। पत्रकार केवल कलम और कागज के बल पर आपतक खबरें ही नहीं पहुंचाते, बल्कि अपने काम के दौरान उनके सामने ऐसी कई परिस्थितियां आ जाती हैं, जो सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं। पत्रकारों में भी एक दिल है, जो मार्मिक घटनाओं और मंजर को देखकर पसीज जाता है। कुछ इसी दर्द की बानगी देखी गई जिले के गांव अढ़हनपुर में जहां मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह कौशिक की नजर कुछ बच्चों पर पड़ी, विजय सिंह से रहा नहीं गया, वो तपाक से बच्चों के पास पहुंचे, विजय सिंह ने बच्चों से पूछा कि उन्होंने चप्पल क्यों नहीं पहनी। जिसका जवाब मिला और दैनिक भास्कर के पत्रकार के अंदर की करुणा जाग उठी। बच्चों ने बताया कि उनके पास चप्पल है ही नहीं। घर की क्या हालत होगी, बच्चों के चेहरे देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।

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