सनातम धर्म को लेकर आव्हाड-सातपुते में हुई नोंक-झोंक, पवार का नाम लेने पर नाराजी

विधानसभा सनातम धर्म को लेकर आव्हाड-सातपुते में हुई नोंक-झोंक, पवार का नाम लेने पर नाराजी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-02 16:13 GMT
सनातम धर्म को लेकर आव्हाड-सातपुते में हुई नोंक-झोंक, पवार का नाम लेने पर नाराजी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में गुरूवार को राकांपा के जितेंद्र आव्हाड ने भाजपा पर हमला बोलते हुए सनातन धर्म को लेकर टिप्पणी की। इसके बाद भाजपा विधायक राम सातपुते और आव्हाण में नोंकझोंक हो गई। नाराज सातपुते ने शरद पवार का नाम अनादर से लिया तो राकांपा समेत विपक्षी विधायक नाराज हो गए। विपक्षी सदस्यों ने वेल में उतरकर हंगामा शुरू कर दिया और कहा कि जब तक सातपुते माफी नहीं मांगते कार्यवाही आगे चलने नहीं दी जाएगी। 

लगातार हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार सातपुते ने माफी मांगी साथ ही विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि जांच के बाद आव्हाड और सातपुते के बयान में अगर कुछ आपत्तिजनक पाया गया तो उसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा। 

विवाद तब शुरू हुआ जब चर्चा के दौरान आव्हाड ने कहा कि यूपी के योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। क्या भाजपा को सनातनधर्म फिर से लाना है। बाबा साहेब आंबेडकर ने सनातन धर्म फेंककर देश को संविधान दिया था। संविधान अलग रखकर क्या फिर से सनातन धर्म के जरिए अस्पृश्यता और जाति प्रथा वापस लाना है। सातपुते ने आव्हाड के बयान पर आपत्ति जताई तो आव्हाड ने कहा कि आप जिस मालशिरस सीट से चुनकर आते हैं वह आरक्षित है। बाबासाहेब आंबेडकर के चलते आरक्षण मिला वरना आप यहां नहीं आते अपने इलाके में मजदूरी कर रहे होते।

इससे नाराज सातपुते ने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि मैं हिंदू दलित हूं। मुझे आरक्षण बाबा साहेब आंबेडकर के चलते मिला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार के चलते नहीं। शरद पवार का नाम इस तरह से लेने से राकांपा नेता आक्रामक हो गए और सातपुते के माफी मांगने तक सदन न चलने देने की बात कही। विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता भी इसी तरह सत्तापक्ष के नेताओं का नाम अपमानजनक तरीके से लेना शुरू करेंगे फिर आप जांच करते रहना हम भी माफी नहीं मांगेगे। हम सत्तापक्ष के नेताओं का नाम सम्मानजनक तरीके से लेते हैं। आप से भी यही उम्मीद है।

देश के प्रधानमंत्री ने शरद पवार के बारे में जो कहा है वह सब जानते हैं। सदन की परंपरा का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सातपुते को माफी मांगनी चाहिए। छगन भुजबल, जयंत पाटील ने भी सातपुते का विरोध किया। इसके बाद सातपुते ने कहा कि आह्वाड ने मेरी तरफ इशारा कर अपमानजनक बातें कहीं इसलिए मैंने जवाब दिया। लेकिन मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। 

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