दूसरी बार एक दिन में 300 से ज्यादा संक्रमितों ने कोरोना को हराया

दूसरी बार एक दिन में 300 से ज्यादा संक्रमितों ने कोरोना को हराया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-01 13:40 GMT
दूसरी बार एक दिन में 300 से ज्यादा संक्रमितों ने कोरोना को हराया

- जिले में शुक्रवार को मिले कोरोना संक्रमण के 202 नए पॉजिटिव केस 
- दिनभर में 7 की जान गई, लेकिन हेल्थ के रिकॉर्ड में दर्ज हुईं मात्र 3 मौतें
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)।
शुक्रवार को जिले में कोरोना के 202 नए केस मिले हैं और 304 संक्रमितों ने कोरोना को हराया है। जिले में एक दिन में कोरोना को हराने का यह आंकड़ा 300 के पार दूसरी बार पहुंचा है। इसे मिलाकर जिले में अब तक 3 हजार 902 लोग कोरोना को हरा चुके हैं। इससे कुछ दिन पहले 27 अप्रैल को जिले में 318 संक्रमितों ने कोरोना को हराया था। खास बात यह भी है कि एक दिन में नए मिले कोरोना संक्रमितों की संख्या से ज्यादा संक्रमितों ने कोरोना को हराया है। ये सभी संकेत जिलेवासियों के उत्साह बढ़ाने वाले हंै। क्योंकि रोज मिल रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट के साथ कोरोना को हराने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। इससे जिले में कोरोना के सक्रिय केसों की भी संख्या में काफी गिरावट आयी है। शुक्रवार को जिले में 1767 केस एक्टिव रह गये हैं। जबकि एक दिन पहले जिले 1872 केस एक्टिव थे।
मौतें हुई 7, रिकॉर्ड में बता रहे सिर्फ 3
जिले में कोरोना को लेकर एक चिंताजनक स्थिति मौतों को लेकर बन रही है। दरअसल, जिले में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में शुक्रवार को भी दिनभर में 7 मौतें सामने आयी हैं। जिसमें अकेले ट्रॉमा सेंटर में ही चार मौतें हुईं। जिसमें 57 वर्षीय अधेड़ पुरूष, 70 वर्षीय पुरूष, 48 वर्षीय युवक और 62 वर्षीय वृद्ध महिला शामिल है। इसके अलावा नेहरू अस्पताल में बिजली कंपनी के जेई, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश पदाधिकारी की रीवा में मौत, पुराने जिला अस्पताल में 59 वर्षीय अधेड़ की मौत भी बतायी जा रही है। जबकि हेल्थ विभाग द्वारा कोविड हेल्थ बुलेटिन में सिर्फ 3 मौतें दर्ज की गई हैं। यह स्थिति जिले में कई दिनों से बन रही है। एक दिन पहले गुरूवार को भी 7 मौतों को रिकॉर्ड में जीरो बताया गया था और उसके बाद फिर से 7 मौतों को मात्र 3 दर्शाया गया है। जिससे लोगों में काफी नाराजगी है कि आखिर हेल्थ और प्रशासन मौतों को छिपा क्यों रहा है?
ऐसी लापरवाहियों से निर्मित हो जायेंगे भयावह हालात
ट्रॉमा के कोविड वार्ड में जनरल आईपीडी वार्डों के जैसे जिस तरह से भर्ती संक्रमितों के अटेंडर्स की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में इन अटेंडर्स में भी कइयों का संक्रमित होना लाजमी है। चिंतित करने वाली स्थिति यह है ये अटेंडर्स कोविड वार्ड के बाहर पूरे ट्रॉमा परिसर में, पास में लगी दुकानों में और अपने घर से लेकर पूरे शहर में भी खुलेआम घूम रहे हैं। जिससे ये लोग पता नहीं अभी तक कितनों को संक्रमित कर चुके होंगे और ऐसा ही रहा तो पता नहीं कितनों को संक्रमित करेंगे। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द ऐसे अटेंडर्स के खिलाफ कार्यवाही के अलावा, इनकी जांच कराकर संक्रमित पाये जाने को अलग आइसोलेशन वार्ड में रखना चाहिए। वर्ना, ऐसी लापरवाहियों से स्थिति आने वाले दिनों में भयावह हो सकती है।
प्रशासन की नाकामी, अब बना रहे छावनी
ट्रॉमा में यह स्थिति क्यों निर्मित हो रही है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और खासकर जिला प्रशासन मुख्य रूप से जवाबदेह है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मद्देनजर यहां उपलब्ध कराई गई 150 बेड की व्यवस्थाएं तो तारीफ के काबिल हैं, लेकिन यहां विद्यमान अव्यवस्थाओं से प्रशासनिक इंतजामों की नाकामी उजागर हो रही है। यह बात और है कि देर-सबेर आंख मीचते उठे जिम्मेदार अब सक्रिय हो रहे हैं और उन्होंने ट्रॉमा परिसर को पुलिस व प्रशासन की छावनी के रूप में तब्दील करना शुरू कर दिया है। लेकिन वास्तविक बदलावों को लेकर अब भी जिम्मेदार संज्ञान नहीं ले रहे हैं, खानापूर्ति करके बला टाल रहे हैं।
 

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