महाकाल में आतिशबाजी के प्रतिबंध के बाद भी पंडितों ने जमकर फोड़े पटाखे
महाकाल में आतिशबाजी के प्रतिबंध के बाद भी पंडितों ने जमकर फोड़े पटाखे
डिजिटल डेस्क, उज्जैन। मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए प्रतीकात्मक रूप से आतिशबाजी करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन मंदिर के पंडितों ने इसको इस आदेश को ताक पर रखते हुए जमकर आतिशबाजी की, साथ ही इससे फैले कचरे को भी कुंड में डालने में बिलकुल संकोच नहीं किया।
गौरतलब है कि सुबह 4 बजे मंदिर में होने वाली भस्मारती के बाद ही यहां जमकर आतिशबाजी की गई। हालांकि मंदिर के कुछ स्थानों पर इस आदेश का पालन किया गया। गर्भगृह और नंदीहॉल प्रतीकात्मक आतिशबाजी के रूप में केवल फुलझड़ी जलाकर पुजारियों ने उत्सव मनाया। कोटितीर्थ कुंड के पास कुछ पंडितों ने आदेश की अनदेखी कर फुलझड़ी, अनार और बम और लड़ी जलाईं। इतना ही नहीं पुजारियों ने पटाखों के कचरे को भी कुंड में ही डाल दिया।
बड़ी बात तो यह है कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने वाली समिति का कोई भी सदस्य यहां मौजूद नहीं था जिसके चलते पुजारियों ने आदेश का न मानते हुए जमकर आतिशबाजी की। शिकायत के बाद समिति ने कहा है कि फुटेज के आधार पर आतिशबाजी करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।