PMO के पत्र का अधिकारियों पर असर नहीं,अनुदान राशि के लिए भटक रहा किसान

PMO के पत्र का अधिकारियों पर असर नहीं,अनुदान राशि के लिए भटक रहा किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-27 09:59 GMT
PMO के पत्र का अधिकारियों पर असर नहीं,अनुदान राशि के लिए भटक रहा किसान

डिजिटल डेस्क,डिंडौरी। सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही हो, लेकिन उनका लाभ किसानों तक पहुंच ही नहीं रहा है। इसे विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहें या फिर अफसर शाही ये बताना थोड़ा मुश्किल होगा। डिंडौरी के किसानों का हाल भी कुछ इस तरह है जिन्हें योजनाओं के बारे में तो पता है,लेकिन उनका लाभ लेने के लिए वो दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

पिछले दिनों डिंडौरी के मटियारी गांव में एक किसान बैल न मिलने पर अपनी पत्नी के साथ खुद खेत में जुत गया था। वहीं शहपुरा विकासखंड के मोहनी गांव में बैल न होने पर पिता अपने दो नाबालिक बेटों के साथ खेत में खुद ही जुत गया था। अब एक किसान बलराम तालाब योजना का लाभ पाने सालों से अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गया है। बजाग विकास खंड के खरगहना गांव के किसान संतोष राजपूत को 2015 में कृषि विभाग ने बलराम तालाब बनाने का कार्यादेश जारी किया गया था। 

किसान का आरोप है कि बलराम तालाब बन जाने के दो साल बाद भी उसे विभाग ने 80,000 रुपए की अनुदान राशि का भुगतान नहीं किया है। साल 2016 में कृषि अधिकारी से लेकर कलेक्टर तक को शिकायत की गई। 10 बार जनसुनवाई में गया ,लेकिन उसे अनुदान राशि नहीं मिली। लिहाजा किसान ने मजबूर होकर मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर शिकायत की। इसके बाद किसान के पास 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र आया। पत्र में लिखा हुआ था कि चीफ सेकेट्री मध्यप्रदेश संतोष कुमार राजपूत की समस्या का समाधान करवाएं। अब एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी किसान को अनुदान राशि नहीं मिली है। किसान का आरोप है कि बलराम तालाब में काम करने वाले मजदूर उसे मजदूरी के लिए परेशान कर रहे है।

इस मामले में जब उप संचालक कृषि पी डी सराठे से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि किसान ने बलराम तालाब योजना की गाइड लाइन के तहत काम नहीं किया होगा इसलिए उसे अनुदान राशि नहीं मिली है। किसान से संपर्क कर उसे लाभ दिलाया जाएगा।

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