बेवजह ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है मोरवा बायपास का निर्माण

डेढ़ साल बाद भी जिला प्रशासन का सकारात्मक रूख नहीं, हजारों की आवादी हो रही प्रभावित बेवजह ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है मोरवा बायपास का निर्माण

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-19 11:53 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। नगर निगम के मोरवा जोन के कई वार्डों का अब तक विकास नहीं हो पाया है। पहला वार्ड नंबर एक पिड़ताली, कुसवई आज तक ग्रामीण बसाहट वाला बना हुआ है। कमोबेश वार्ड नम्बर दो की भी ऐसी ही हालत है, जो मोरवा के मेन रोड सिंगरौली-चोपन रेल लाइन और बिजुल नदी के बीच का क्षेत्र है। आवागमन के लिए न तो कोई ठीक-ठाक सडक़ है और न ही नगरीय क्षेत्र को मिलने वाली अन्य सुविधाएं। इसी क्षेत्र से एक बायपास निकालने की तैयारी की गई थी। जिससे लोगों में उत्साह था कि जल्द ही उन्हें भी अच्छी सडक़ की सुविधा मिल जायेगी, लेकिन डेढ़ वर्ष से अभी तक इस सडक़ के लिए किसी प्रकार का सकारात्मक रूख नहीं अपनाया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बायपास को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया जा रहा है। मोरवा के कई वार्डों को विकसित करने और आवागमन की सुविधा के लिए फोरलेन के सर्कि ट हाउस मोड़ के पास बनने वाले फ्लाई ओवर ब्रिज के इंड प्वाइंट से कुसवई, पिड़ताली, गुल्लाडांड़ के बीच रेलवे लाइन के ऊपर से होकर चटका मुक्तिधाम से कुछ दूर आगे खनहना की ओर तक बायपास का निर्माण करने की रूपरेखा तैयार की गई थी। लेकिन अब लगता है कि उसकी फाइल ही बंद हो गई है।
6 किमी लंबा बनना है बायपास
लगभग 6 किमी वाले इस बायपास को फोरलेन के समकक्ष लगभग 30 मीटर की चौड़ाई वाला तैयार करना था। स्थिति यह थी कि मार्च 2020 में इस बायपास का डीपीआर बनाने के लिए एमपीआरडीसी को जिला प्रशासन के द्वारा निर्देशित कर दिया गया था कि एजेंसी बुलाकर इसका सर्वे कराएं। लेकिन एजेंसी कार्य शुरू कर पाती उससे पहले ही कोविड-19 ने दस्तक दे दी और उसी दौरान तत्कालीन कलेक्टर श्री चौधरी का स्थानांतरण हो गया। तब से लेकर अब तक इस बायपास के निर्माण के लिए सिर्फ उपयोगिता की जानकारी ली जा रही है। अब तक इसके निर्माण की ओर किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा सका है।
बैठकों में चर्चा भी नहीं
जिला प्रशासन के द्वारा डीएमएफ व अन्य प्रकार की बैठकों में जिले के जनप्रतिनिधि, प्रभारी मंत्री व अन्य प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं। अब तक जिला प्रशासन ने तो इस पर कभी चर्चा नहीं की है और क्षेत्र के माननीयों ने भी बायपास के निर्माण में रूचि नहीं ली है। इस बायपास के निर्माण के लिए प्राथमिक जिम्मेदारियां संभालने वाले अधिकारी भी उच्च दिशा निर्देशों के अभाव में कुछ भी बता पाने में अक्षम हैं। प्रयास नहीं होने के कारण मोरवा बायपास बेवजह ठंडे बस्ते में जा रहे हैं।
कई प्रोजेक्ट पर होगा प्रभाव
इस बायपास को यूं ही बनाने का प्रयास नहीं किया जा रहा था, इससे एमपीआईडीसी का प्रस्तावित इंडस्ट्रियल पार्क पिड़ताली, नवनिर्मित शासकीय कन्या महाविद्यालय, प्रस्तावित आवासीय परियोजना, सिंगरौली रेलवे स्टेशन, चितरंगी रोड सहित कई अन्य बड़े संस्थान लाभान्वित होने वाले हैं। इस बायपास से चुरकी रेलवे स्टेशन की दूरी भी काफी कम हो जायेगी। साथ ही दर्जन भर गांव व टोले मजरे जहां पर अभी तक एम्बुलेंस तक नहीं जा पाती है उन स्थानों की कनेक्टिविटी मिल जायेगी।

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