मालगाड़ी के चालक की सूझबूझ से टला हादसा, ट्रेन डिरेल करने की कोशिश नाकाम
मालगाड़ी के चालक की सूझबूझ से टला हादसा, ट्रेन डिरेल करने की कोशिश नाकाम
डिजिटल डेस्क,सिंगरौली (मोरवा)। सिंगरौली रेलवे स्टेशन में पदस्थ पीडब्ल्यूआई की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें ट्रैक के निरीक्षण में बरती गई लापरवाही से झिंगुरदह वारफॉल जा रही एक खाली मालगाड़ी डिरेल होते बच गयी। वह भी उसके लोको पायलट की सूझबूझ के कारण, वरना पीडब्ल्यूआई सिंगरौली ने जिस प्रकार ट्रैक के किनारे अपने डीप लॉरी फेंके थे वह भी मालगाड़ी के लिये बड़ा खतरा बन गये थे। किसी अराजक तत्व ने खराब पड़े डीप लॉरी को दोनों पटरियों पर रख दिया था। चढ़ाई पर चल रही ट्रेन के लोको पायलट निमाई महतो और सहायक लोको पायलट राजन कुमार ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई और गाड़ी को रोक कर गार्ड को सूचित किया। बड़ी दुर्घटना को टालते हुए लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व ऑन ड्यूटी गार्ड व स्थानीय लोगों की मदद से दोनों पटरियों पर रखे हुए भारी भरकम डीप लॉरी को हटाया गया। दोपहर सामने आई इस घटना में गाड़ी के रनिंग कर्मचारियों ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। आशंका जाहिर की जा रही कि अराजकतत्वों ने ट्रेन को बाधित करने या फिर डिरेलमेंट करने के आशय से सिंगरौली-झिंगुरदह एमजीआर रेल लाइन को अपना निशाना बनाया था। रेल कर्मियों से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रैक जाम करने के स्थान पर झिंगुरदह की ओर से ढाल है। कुछ ही देर पहले यहां से एक मालगाड़ी लोड होकर सिंगरौली की ओर रवाना हुई है। यदि यह एक्सल व्हील उस मालगाड़ी के सामने अथवा किसी भी ट्रेन के सामने आ गया होता तो ट्रेन को रोक पाना मुश्किल होता। जिसके बाद किसी भी हाल में ट्रेन को डिरेल होने से बचा पाना मुश्किल हो जाता।
क्या है डीप लॉरी
रेलवे लाइन में रखी गई डीप लॉरी वस्तुत: ट्रैकमैन और पीडब्ल्यूआई विभाग को ट्रैक पर पटरियां और भारी वजनदार सामान ढोने के लिए उपयोग किये जाने वाला उपकरण है। जिसकी मदद से भारी सामान को पटरियों के सहारे चलाते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। इस डीप लॉरी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूआई की होती है। जिसे सुरक्षित रखने की बजाय वीरान स्थान पर छोड़ दिया गया था।
यही से निकलती है चोपन की रेललाइन
जानकारों ने बताया कि इसी लाइन के सामान्तर सिंगरौली-चोपन के लिये लाइन निकलती है। यदि यह डीप लॉरी को इस लाइन में रखा गया होता तो किसी यात्री गाड़ी या मालगाड़ी को भारी नुकसान पहुंच सकता था। ट्रैक के निरीक्षण में बरती गई लापरवाही से बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती थी। मालगाड़ी को डिरेल होने से बचाने वाले पायलट्स को उनके साथियों से रेल संरक्षा के कर्तव्यों का पालन करते हुए एक बड़ी दुर्घटना रोकने के लिये सराहना की।