सुकमा : लेंस प्रत्यारोपण से लौटी कीर्तन के आंखों की रोशनी

सुकमा : लेंस प्रत्यारोपण से लौटी कीर्तन के आंखों की रोशनी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-16 10:27 GMT
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डिजिटल डेस्क सुकमा | गुल्ली डंडा खेलते समय आंखों के चोटिल होने से हो गई थी टीबी सुकमा,15 जुलाई 2020 गुल्ली डंडा खेलते समय अपनी आंखों को चोटिल कर चुके मड़कम कीर्तन की आंखों की रोशनी लेंस प्रत्यारोपण के बाद वापस आ चुकी है। कीर्तन के आंखों की रोशनी वापस आने पर गरीब माता-पिता के जीवन में नई खुशियां आई हैं। एर्राबोर निवासी मड़कम मुत्ता का 11 वर्षीय पुत्र मड़कम कीर्तन की आंखें डीएवी पब्लिक स्कूल रोकेल में दोस्तों के साथ गुल्ली डंडा खेलते समय चोटिल हो गई थीं, जिसके कारण आंखों की रोशनी जा चुकी थी। कीर्तन की आंखों की रोशनी जाने से कीर्तन के साथ ही गरीब माता-पिता के जीवन पर भी दुख का पहाड़ टूट पड़ा। आर्थिक रुप से कमजोर होने के कारण कीर्तन का इलाज करवाने में अक्षम गरीब माता-पिता के जीवन में भी अंधियारा छा गया। और अपने बेटे की आंखों की रोशनी के वापस आने की कोई उम्मीद उन्हें दिखाई नहीं दे रही थी। इसी निराशा के बीच अपने बच्चे की आंखों की रोशनी की समस्या को लेकर कलेक्टर श्री चंदन कुमार से मुलाकात की और पूरी कहानी बताकर बच्चे की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए मदद की गुहार लगाई। कलेक्टर द्वारा कीर्तन का उपचार समावेशी शिक्षा योजना के तहत करने के निर्देश राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला मिशन सतन्वयक श्री श्याम सुन्दर चैहान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री रोहित को दिए गए। जिला अस्पताल में नेत्र चिकित्सक डाॅ बसंत मुर्ती द्वारा आंखों की जांच के दौरान टीबी होने की जानकारी हुई, जिसके कारण कीर्तन का उपचार तीन माह तक किया गया। इसके बाद रायपुर स्थित ओरोबिन्दो अस्पताल रायपुर रिफर किया गया, जहां सफल लेंस प्रत्यारोपण के कारण कीर्तन के आंखों की रोशनी वापस आ चुकी है। कीर्तन की आँखो की रोशनी लौटने से कीर्तन के साथ ही उसके माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों के साथ ही सभी दोस्त भी बेहद खुश है । 316/2020

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