मरसरहा रेत खदान में एसडीएम का छापा, 3 जेसीबी, 1 हाइवा जप्त
मरसरहा रेत खदान में एसडीएम का छापा, 3 जेसीबी, 1 हाइवा जप्त
डिजिटल डेस्क सीधी। जिले के जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत रामडीह के मरसरहा में संचालित रेत खदान में एसडीएम की मौजूदगी में की गई छापामार कार्रवाई के दौरान तीन जेसीबी मशीन, एक हवाई, टीपी जारी करने वाला कम्प्यूटर समेत रेत फिल्टर की मशीन जप्त की गई है। जप्त की गई सामग्री को बहरी थाना पुलिस की सुपुर्दगी में दी गई है। कार्रवाई के दौरान यह सामने आया कि यहां स्वीकृत से ज्यादा क्षेत्र में अवैध रूप से रेत का उत्खनन किये जाने से नदी का स्वरूप भी बिगड़ चुका था।
स्वीकृत की बजाय दूसरी जगह से रेत निकासी
खदान संचालक अरूणेन्द्र तिवारी पर आरोप हेै कि उन्हें जिस स्थान पर रेत उत्खनन करने की मंजूरी दी गई थी वहां से उत्खनन कराने के बजाय प्राकृतिक संपदा का अवैध दोहन करते हुये दूसरी जगह से अवैध उत्खनन कराया जा रहा था। जिससे खदान क्षेत्र की नदी के साथ ही समीपी वन क्षेत्र का भी स्वरूप बिगड़ गया था। वहीं स्थानीय लोगों को रेत देने के बजाय जिले के बाहर के वाहनों को रेत लोडिंग करते हुये शासन के राजस्व को भी भारी चपत लगाई जा रही थी। इसकी जानकारी सिहावल के अनुविभागीय अधिकारी को मिलने पर उनके द्वारा संयुक्त टीम के साथ स्वयं खदान का अवलोकन करने पहुंचे तो वहां के हालातों को देखकर विभाग के अधिकारी भौचक्के रह गए। जिस स्थान से रेत उत्खनन करने की अनुमति दी गई थी वहां से रेत का उत्खनन अधिक तो किया ही गया था साथ ही मोटी कमाई करने के चक्कर में ठेकेदार ने खदान से लगे नदी व जंगल की भूमि से भी उत्खनन शुरू कर दिया था। उत्खनन करने के लिए जंगल के बेशकीमती पेड़ों को उजाड़ दिया गया था।
पंचायत की जगह माफिया चला रहे रेत खदान
शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को सौंपी गई रेत खदानों का संचालन अवैध रूप से दबंग ठेकेदार मनमानी तौर पर कर रहे हैं। इसी तरह का मामला जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र डोल का भी सुर्खियों में बना हुआ है। यहां दबंग ठेकेदार द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर ज्यादा से ज्यादा कमाई करने के लिये अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। खदान क्षेत्र का जायजा लिया जाय तो स्पष्ट मालुम होता है कि जिस क्षेत्र में लीज स्वीकृत की गई है वहां के बाहर खदान का संचालन किया जा रहा है। साथ ही पोकलैण्ड मशीनों के माध्यम से क्षमता से ज्यादा रेत का उत्खनन किया जा चुका है। स्थानीय श्रमिकों से लोडिंग कराने के बजाय बड़े मालवाहकों में पोकलैण्ड मशीन से रेत की लोडिंग कराई जा रही है। खदान संचालक द्वारा बड़े वाहनों से दस हजार रूपये तक की वसूली मनमानी तौर पर करने के बाद उन्हें टीपी जारी की जा रही है। छोटे वाहनों से भी 5-8 हजार रूपये वसूले जा रहे हैं। स्थानीय श्रमिकों द्वारा काम न मिलने की शिकायतें भी काफी समय से की जा रही हैं। लेकिन जि मेदार अधिकारियों द्वारा श्रमिकों के हितों का ध्यान देने की बजाय खदान संचालक को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। डोल रेत खदान संचालक की मनमानी पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।
इनका कहना है-
राजस्व व खनिज विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से मरसरहा मे संचालित रेत खदान का निरीक्षण किया गया, जहां अनुमति से ज्यादा रेत का उत्खनन पाया गया, साथ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है। छति का आंकलन करने के बाद कार्रवाई की जाएगी, जप्त की गई मशीनों व वाहनों को बहरी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।
आरके सिन्हा उपखंड अधिकारी, सिहावल