बैकडोर से भर्ती, ठेकेदारों को भुगतान, लेकिन निगम के ठेका कर्मियों को नहीं मिला वेतन
छिंदवाड़ा बैकडोर से भर्ती, ठेकेदारों को भुगतान, लेकिन निगम के ठेका कर्मियों को नहीं मिला वेतन
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा नगर निगम में जारी अनियमितताओं का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर, निगम के स्वास्थ्य विभाग में जारी कर्मचारियों की बैकडोर एंट्री पर बिल्कुल भी नकेल नहीं कस पा रही है। वहीं आर्थिक संकट के बावजूद नगर निगम अधिकारियों के चहेते ठेकेदारों को नियमों को ताक पर रखकर भुगतान हो रहा है, लेकिन इस बीच निगम के सैकड़ों ठेका कर्मियों को अभी तक वेतन नसीब नहीं हुआ है। तकरीबन 60 से 70 लाख रुपए का भुगतान निगम को इन कर्मचारियों का करना है, लेकिन निगम की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि इन कर्मचारियों का भुगतान किया जा सके।
वित्तीय संकट से जूझ रहे नगर निगम में नए कामोंं के लिए फंड की कमी बताई जा रही है, लेकिन वहीं दूसरी ओर नगर निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा अपने नाते रिश्तेदारों को बैकडोर से निगम में भर्ती करने का काम बकायदा जारी है। हालात ये हैं कि अब तक दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती हो चुकी है। सबसे ज्यादा भर्राशाही निगम के स्वास्थ्य विभाग में चल रही है। जहां हर माह कर्मचारियों की संख्या बढ़ जाती है। निगम का 70 फीसदी बजट सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की खरीदी, कर्मचारियों के वेतन में खर्च हो रहा है। तकरीबन एक हजार कर्मी सिर्फ स्वास्थ्य अमले में शामिल कर लिए गए हैं। उसके बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था बद से बदतर है।
चहेते ठेकेदारों का भुगतान
निगम में ठेकेदारों का भुगतान भी मुंह देखकर किया जाता है। इंजीनियरों के चहेते ठेकेदारों को भी नियमित भुगतान हो रहा है। छोटे ठेकेदार अभी भी टेक्निकल टीम के चक्कर काट रहे हैं।
डीजल का भुगतान भी नहीं
डीजल के नाम पर बड़ा घोटाला निगम में चल रहा है। इस माह तो पंप संचालक को भुगतान तक नगर निगम नहीं कर पाया है। सफाई वाहनों में डीजल चोरी का बड़ा खेल होता है। जिस पर आला अफसर भी नकेल नहीं कस पा रहे हैं।