रायगढ़ : होम आइसोलेटेड मरीज का देर रात ऑक्सीजन लेवल हो गया कम, डॉक्टर ने विडियोकॉल से दूर की तकलीफ

रायगढ़ : होम आइसोलेटेड मरीज का देर रात ऑक्सीजन लेवल हो गया कम, डॉक्टर ने विडियोकॉल से दूर की तकलीफ

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-14 11:26 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायगढ़। होम आइसोलेटेड मरीजों की हो रही हैं नियमित मॉनिटरिंग रायगढ़, 13 सितम्बर2020 बरमकेला के देवगांव में एक होम आइसोलेटेड मरीज का देर रात में ऑक्सिमीटर में ऑक्सीजन लेवल कम दिखा रहा था। उसने बीएमओ बरमकेला डॉक्टर अवधेश पाणिग्रही को फोन कर समस्या बताई। डॉक्टर ने तत्काल विडियोकॉल कर उसकी स्थिति जानी और मरीज की तकलीफ को दूर किया। डॉक्टर पाणिग्रही ने बताया कि मरीज ने कॉल कर कहा कि ऑक्सिमीटर में रीडिंग 60 प्रतिशत दिखा रहा है। ऑक्सीजन की यह मात्रा शरीर के लिए घातक हो सकती है, अत: ऑक्सीजन की कम मात्रा का कारण जानना बेहद जरूरी था। वीडियो काल कर उस मरीज से बात की गई जिसमें उसे सांस लेने में कोई दिक्कत तो नही हो रही यह पूछा गया तो उसने सांस लेने में कोई समस्या नही होना बताया। ऐसे में उससे ऑक्सिमीटर में रीडिंग लेने का तरीका पूछने पर उसने बताया कि उसने पेट के बल लेटकर रीडिंग ली है। इसके बाद डॉक्टर ने समस्या को समझते हुए मरीज को बैठ कर रीडिंग लेने की बात कही। बैठ कर दुबारा ऑक्सीजन ने पर रीडिंग 98 प्रतिशत आया। डॉक्टर ने मरीज को बताया कि शरीर का पॉस्चर सही नही होने पर या पेट के बल लेटने पर फेफड़े पूरी तरह से सक्रिय नही हो पाते हैं और पूरी क्षमता से शरीर में ऑक्सीजन नही खींच पाते हैं। ऐसे में रीडिंग लेने पर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम दिखाना लाजिमी है। उन्होंने बताया कि हालांकि यह एक छोटी तकनीकी समस्या थी। लेकिन कोविड के केस में हमें मरीज से जुड़ी हर स्थिति को गंभीरता से लेना होता है, खासकर होम आइसोलेटेड मरीजों के केस में क्योंकि वे प्रत्यक्ष रुप से हमारे सामने नही होते हैं। चूंकि कोविड में सांस से जुड़ी समस्याएं सामने आती है और ऑक्सीजन लेवल कम होने पर मरीज भी घबरा गया था। इसलिए तत्काल उससे बात कर उसकी परेशानी को समझते हुए उसे दूर किया गया। इससे मरीज भी जल्द रिलैक्स हो गया। बता दें कि प्रत्येक विकासखंड में होम आइसोलेटेड मरीजों की निगरानी के लिए एक टीम बनाई गई है, जो उनके सतत संपर्क में रह कर उनका स्वास्थ्य मॉनिटर करता है। दवाइयों की मात्रा और उनके लेने के समय का भी फॉलोअप किया जाता है। जिससे मरीज जल्द स्वस्थ हो सके।

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