सवारी गाड़ी शुरु नही होने से फूटा जनता का आक्रोश, डेढ़ घंटे तक दिया धरना

 बालाघाट सवारी गाड़ी शुरु नही होने से फूटा जनता का आक्रोश, डेढ़ घंटे तक दिया धरना

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-26 08:26 GMT
सवारी गाड़ी शुरु नही होने से फूटा जनता का आक्रोश, डेढ़ घंटे तक दिया धरना

डिजिटल डेस्क,  बालाघाट-जबलपुर पैसेजर ट्रेन शुरु होने से यात्रा करने से वंचित है दो सैकड़ा गांव के लोग, माननीयों की खामोशी पर जताई नाराजगी, सौपा ज्ञापन
भास्कर न्यूज, लामटा.
सवारी गाड़ी शुरु नही होने से दो सैकड़ा से भी अधिक गांवो के लोगों को सफर करने हर मोड़ पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। दो साल का वक्त गुजर रहा है, लेकिन बालाघाट से जबलपुर तक सीधे पैंसेजर ट्रेन शुरु नही की जा सकी है, जबकि इस रुट पर पिछले डेढ़ साल से निर्बाध रुप से मालगाड़ी और हफ्ते में दो दिन सुपरफास्ट और एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है, नैनपुर के बाद मगरदर्रा, चांगोटोला, लामटा में इन ट्रेनों का हाल्ट नही होने के कारण जनता का इन टे्रनों का लाभ नही मिल पा रहा है।
नही सुन रहे माननीय, किसे सुनाए पीड़ा 
हालाकि लम्बे समय से यात्रा से वंचित क्षेत्र के दो सैकड़ा से भी अधिक गांवो के लोगों ने समय-समय पर शासन-प्रशासन, रेलविभाग के अलावा जिले के माननीयों को भी अपनी पीड़ा से अवगत कराया है, लेकिन अब तक ग्रामीणों को हो रही समस्याओं के समाधान को लेकर किसी प्रकार के सकारात्मक कदम नही उठाए जा सके है। इस बात से आक्रोशित ग्रामीणजनो ने बगैर दलगत भावना के सवारी गाड़ी शुरु करने की मांग को लेकर शुक्रवार 25 फरवरी को नगरवाड़ा रेलवे स्टेशन के समीप पहुंचकर करीब डेढ़ घंटे तक शांतिपूर्णढंग से धरना दिया। क्षेत्रवासियों का कहना रहा कि माननीय उनकी पीड़ा नही सुन रहे आखिर वे अपनी व्यथा किसे सुनाए।  
नही हुआ विचार तो करेगें आंदोलन
मांगो के संबंध में रेलमंत्री के नाम स्टेशन अधीक्षक प्रशान्त कुमार को  ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि यदि उनकी मांगों पर 15 दिनों के भीतर विचार कर सवारी गाड़ी का संचालन नही किया जाता है तो क्षेत्र के करीब दो सौ गांव की जनता मिलकर उग्र आंदोलन करने बाध्य होगी। ग्रामीणजनों द्वारा दिए गए धरना स्थल पर एएसपी विक्रांत डाबर, आरपीएफ थाना प्रभारी सतीश कुमार, नायब तहसीलदार संदीप नागोसे तथा पुलिस बल मौजूद रहा।  
रोजाना दौड़ रही मालगाड़ी, तो सवारी गाड़ी क्यों नही 
गुस्साएं लोगों का कहना रहा कि पिछले डेढ़ साल से मालगाड़ी पटरी पर दौड़ रही है, लेकिन पैंसेजर ट्रेन शुरु करने के लिए माननीय मौन साधे हुए है। तकनीकी खामी बताकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। सांठगांठ के चलते जानबूझकर सवारी गाड़ी शुरु नही की जा रही है जबकि देश भर मेें सवारी गाड़ी शुरु कर दी गई है। हालाकि विभाग के अफसर रेल मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद ही इस रुट पर सवारी गाड़ी शुरु होने की बात कहते है।  
ये रहे मौजूद 
इस शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के दौरान प्रमुख रुप से टीकमचंद जैन, विनोद बोथरा ,खिलेश्वर पटले, किशन टेंभरे, संतोष राहंगडाले, दीपचंद ठाकरे, चंद्रकांत राहंगडाले, जयराम उइके, मालती मर्सकोले, सलाम शाह, रमेश झरिया कपूर पटले, हिम्मत दशहरे, सोनूलाल उइके, भोलाराम मड़ावी, अरनामेटा सरपंच श्रीमती सुधा सोनी समेत बड़ी संख्या में महिलाओं की भी उपस्थिति रही। 
इधर मांगों को लेकर ब्रांसस निकाल रही बैलगाड़ी यात्रा 
इधर दूसरी तरफ जनता की इस जायज मांग को लेकर ब्रांसस द्वारा 4 मार्च को बैलगाड़ी यात्रा आयोजित करने जा रही है। इस संबंध में ब्राडगेज रेल संघर्ष समिति के महासचिव अंशुल अवस्थी ने बताया कि आगामी 4 मार्च से ब्राडगेज रेल संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप सिंह बैस के नेतृत्व मे बैलगाड़ी यात्रा निकाली जायेंगी। उन्होंने बताया कि रेल विभाग द्वारा जान बूझकर बालाघाट से जबलपुर, कटंगी से तिरोड़ी तथा मंडला से चिरई डोंगरी के मध्य रेल यात्रियों के लिए लोकल पैसेंजर ट्रेन नही चलाई जा रही है जिससे यात्रियों मे भारी आक्रोश की स्थिति निर्मित हो रही है। 
कहां गुम हो गए बड़बोले माननीय 
ब्रांसस के अध्यक्ष अनूपसिंह बैस का कहना रहा कि जनता की समस्या को सड़क से लेकर सदन तक उठाने के लिए आखिर बालाघाट के बड़बोले भाऊ क्यों बचते आ रहे है। साल भर का वक्त गुजर जाने के बाद भी वे फ्लाईओवर स्वीकृति के बाद बजट लाने में नाकाम रहे है इससे उनकी राजनीतिक दृढ़ इच्छाशक्ति का भी पता चलता है कि वे जनता के कितने हिमायती है।

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