रात के अंधेरे में काट डाले कीमती पेड़, मचा हड़कंप
रात के अंधेरे में काट डाले कीमती पेड़, मचा हड़कंप
डिजिटल डेस्क सीधी। एक तरफ जहां कोरोना महामारी के चलते मजदूर परिवारों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने के हिसाब से शासन और प्रशासन स्तर से बजट जारी कर कड़े दिशा निर्देश दिए गए हैं, जिसमें मजदूर हितों को सर्वोपरि रखा गया है। ठीक उसके विपरीत सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व अंतर्गत विभिन्न वन परिक्षेत्रों में दो दशक एवं एक दशक पूर्व से सैकड़ों श्रमिक जो चौकीदारी के रूप में वन सुरक्षा एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा जैसे जिम्मेवारी का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए उसी को अपने आजीविका का साधन मानते हुए उसी मजदूरी से अपने परिवार का भरण पोषण करते रहे हैं ।
संजय टाइगर रिजर्व के आला अधिकारियों द्वारा कार्यरत चौकीदारों को बजट का हवाला देकर कार्य से पृथक करने का मौखिक फरमान सुनाया गया है। चौकीदारों द्वारा एक दिन कार्य बंद कर दिया गया जिसका नतीजा रहा कि वन परिक्षेत्र व्योहारी बफर जोन के बीट मझौली अंतर्गत कोठार बैरियर से महज 150 मीटर की दूरी पर और मझौली, उमरिया रोड से 10 मीटर की दूरी पर कंपार्टमेंट नंबर पीएफ 1326 एपीएफ 1330 एवं पीएफ 1328 में सैकड़ों सरई और सेधा जैसे अन्य इमारती लकड़ी के पेड़ काटे गए हैं जहां काफी लकड़ी ले भी गए हैं शेष कई कटे पेड़ मौके पर पड़े हैं। ऐसे में ग्रामीणों की आशंका है कि सिर्फ वनरक्षक के जिम्मे इन पेड़ पौधों की सुरक्षा नामुमकिन है। वहीं वन परिक्षेत्र से रेत एवं पत्थर, बोल्डर के तस्कर भी सिर उठाने लगे हैं। इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी जांच कराकर अपराध पंजीबद्ध किए जाने का कथन दे रहे हैं लेकिन जांच के पूर्व ही कितने पेड़ कट जाएंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।