-कलेक्टर के आदेश पर बोर्ड की 4 सदस्यीय टीम ने प्रदूषित जल की सैंपलिंग, जांच से हुआ खुलासा, पर्यावरण क्लीयरेंस की सरासर अनदेखी
प्रदूषण बोर्ड की टीम ने कोल वॉशरी प्लांट में दी दबिश -कलेक्टर के आदेश पर बोर्ड की 4 सदस्यीय टीम ने प्रदूषित जल की सैंपलिंग, जांच से हुआ खुलासा, पर्यावरण क्लीयरेंस की सरासर अनदेखी
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)।गोरबी के नौढिय़ा में स्थित महाबीर कोल वॉशरी के भयावह प्रदूषण पर कलेक्टर राजीव रंजन मीना के सख्त आदेश के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 4 सदस्यीय टीम ने छापामार कार्रवाई की है। प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने कोल वॉशरी पहुंचकर पर्यावरण क्लीयरेंस की बारीकी से जांच की है। जांच से इस बात का खुलासा हुआ है कि कोल वॉशरी द्वारा बोर्ड के पर्यावरण क्लीयरेंस की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। इसके साथ ही प्रदूषण बोर्ड की जांच में मलबा और रसायन निस्तारण के इंतजाम नहीं पाये गये हैं। ज्ञात हो कि कोल वॉशरी प्रबंधन की मनमानी की खबरें लगातार भास्कर द्वारा प्रकाशित की जा रही थीं। स्थानीय लोगों की समस्या को प्रमुखता से उठाया जा रहा था। जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर यह कार्यवाही की गई है।
दूषित जलस्त्रोतों की सैंपलिंग
कोल वॉशरी के मलबे से जलस्त्रोतों के प्रदूषित होने की बोर्ड की टीम ने सैंपलिंग की गई है। बोर्ड की टीम ने खेतों में कोल की मोटी परत जमने पर जांच नमूने लिये हैं। जांच में प्रदूषण की भयावह स्थिति पाये जाने पर बोर्ड की टीम ने रिपोर्ट तैयार की है। प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि कोल वॉशरी प्लांट की जांच के दौरान निरीक्षण किया गया है। जानकारों का कहना है कि टीम ने अभी प्लांट के पास स्थिति नालों और छोटे जलाशयों का निरीक्षण किया है।
जांच के लिये प्रयोगशाला भेजे जायेंगे नमूने
प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कोल वॉशरी से जो नमूने एकत्रित किये गये हैं, उन्हें परीक्षण के लिये प्रयोगशाला जबलपुर भेजा जायेगा। उन्होंने बताया प्रयोगशाला की रिपोर्ट के आधार पर कोल वॉशरी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी। आरओ का कहना है कि बोर्ड की टीम हर पहलू की जांच की गई है। बोर्ड द्वारा निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
ईसी के उल्लंघन पर टीम ने तैयार किया प्रतिवेदन
कोल वॉशरी प्लांट में पर्यावरण क्लीयरेंस का बड़े पैमाने पर उल्लंघन पाये जाने पर बोर्ड द्वारा प्रतिवेदन तैयार किया है। क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है जांच प्रतिवेदन तैयार होने के बाद पूरे मामले की रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जायेगी। जांच रिपोर्ट पर कलेक्टर द्वारा आदेशित किये जाने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। ऐसे में कोल वॉशरी के भयावह से त्रस्त गोरबी और नौढिय़ा के निवासियों की अब कंपनी प्रबंधन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई पर नजर टिकी हुई है।
बिजुल नदी के पानी लिये जायेंगे सैंपल
कोल वॉशरी द्वारा नालों के माध्यम से प्लांट का मलबा और रसायन बहाये जाने से बिजुल नदी का पानी प्रदूषित हो गया है। क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि टीम बिजुल नदी के प्रदूषित जल के नमूने एकत्रित करेगी। उन्होंने बताया प्लांट समेत आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण कर लिया गया है। अब जलाशयों के दूषित पानी के नमूने लिये जायेंगे।
इनका कहना है
प्रदूषण बोर्ड की टीम ने महाबीर कोल वॉशरी प्लांट का निरीक्षण कर लिया है। सड़क, घरों और खेतों में जमे कोल के मलबे की भी सैंपलिंग की गई है। पर्यावरण क्लीयरेंस का उल्लंघन पाये जाने पर प्रतिवेदन तैयार किया गया है। शीघ्र ही रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जायेगी। कलेक्टर के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
डॉ. नीरज वर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण बोर्ड