मजदूरों की गिरफ्तारी से गर्मायी सियासत - हड़ताल कर रहे 36 श्रमिक नहीं हुये रिहा
मजदूरों की गिरफ्तारी से गर्मायी सियासत - हड़ताल कर रहे 36 श्रमिक नहीं हुये रिहा
डिजिटल डेस्क सीधी। अल्ट्राटेक सीमेंट प्लंाट में अपनी मागों को लेकर हड़ताल कर रहे 36 श्रमिकों को धारा 151 में गिरफ्तार करने के बाद रिहा नहीं किया गया है। मजदूरों की गिरफ्तारी पर मजदूर यूनियन के साथ श्रमिक नेता काफी नाराज देखे जा रहे हैं। प्रबंधन और प्रशासन की मिलीभगत से मजदूरों, किसानों के शोषण के खिलाफ आंदोलन तेज करने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि जमीन के बदले रोजगार देने की मांग केा लेकर पिछले 18 फरवरी से श्रमिक अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट परिसर में धरने पर बेैठे थे। आंदोलनकारी शंातिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे किंतु शनिवार सुबह 36 श्रमिकों केा धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। मजदूरों के धरने के मामले में सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने भी समर्थन करते हुये प्रबंधन से उनकी मागों पर अमल करने कहा था। इतना ही नहीं आंदोलन कर रहे श्रमिकों को बेवजह प्रताडि़त न करने की भी बात कही थी। किंतु इसके बाद भी धरने पर बेैठे श्रमिकों को न कि गिरफ्तार किया गया बल्कि उन्हें जेल भी भेज दिया गया है। बता दें कि सीमेंट प्लांट के कारण श्रमिक ही नहीं वहां के किसान भी शोषण के शिकार हो रहे हैं। रात के समय फैक्ट्री की डस्ट उड़ाये जाने से आसपास की खेती पर बुरा असर तो पड़ रहा ही है इसके अलावा लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है। यही नहंी फैक्ट्री का केमिकल युक्त पानी नहर में छोड़े जाने से फसलों केा चौपट कर रहा है। दुर्भाग्य यह है कि कम्पनी द्वारा किये जा रहे अन्याय, शोषण के विरूद्ध टुकड़े-टुकड़े में आंदोलन होता आया है। साझा आंदोलन न होने के कारण ही की जा रही मागों के निराकरण का कोई रास्ता नहंी निकल रहा है। फिलहाल धरने में बैठे श्रमिकों की गिरफ्तारी पर सामाजिक एवं श्रमिक संगठनों के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताने के साथ ही शासन प्रशासन पर भी कम्पनी का पक्षधर होने का आरोप लगाया गया है।
किसान, मजदूर मिलकर करें संघर्ष: उमेश
क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने आंदोलनरत श्रमिकों के गिरफ्तारी केा दुभाग्यपूर्ण बताते हुुये कहा कि वहां केवल श्रमिक ही शोषण के शिकार नही हैं बल्कि आसपास के किसान भी कम्पनी के कारण काफी नुकसान उठा रहे हैं। अभी कई किसानों का मुआवजा बाकी है तो डस्ट से खेती प्रभावित हो रही है। श्रमिक और किसान निरंतर शोषण के शिकार हो रहे हेंै पर राजनैतिक दल के लोग संरक्षण देने में लगे हुये हैं। प्रशासन भी कम्पनी से उपकृत होकर उन्हीें के साथ खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि श्रमिक और किसान संगठित होकर लड़ाई लड़ें वह उनके साथ हैं। सत्ता और विपक्ष के कथित नेताओं ेसे उम्मीद करना छोड़ दें वे तो कम्पनी की तरफदारी ही करते रहते हैं। उन्हें जब धारा 151 में गिरफ्तार किया गया था तो सत्ता और विपक्ष दोनों ने कम्पनी की ही तरफदारी की थी। आंदोलन कर रहे श्रमिकों के समर्थन की बात करते हुये उन्होंने अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखने केा कहा है।
कांग्रेस का मौन दुर्भाग्यपूर्ण: सुंदर
माक्र्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी के जिला सचिव व श्रमिक नेता कामरेड सुंदर सिंह ने कहा कि अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन द्वारा मजदूरों, किसानों का शोषण किया जा रहा है पर कांग्रेस चुप्पी साधे हुये हेंै। इसी कांग्रेस पार्टी को जनता ने वोट देकर सत्ता की बागडोर सौंपी और सत्ता पाते ही कांग्रेस के लोग भाजपा की राहपर चलने लगे हैं। मजदूरों, किसानों के शोषण के खिलाफ बोलना तो दूर पूरी तरह से मौन हेा गये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार पिछली सरकार के कार्यक्रमों को लागू करने में ही जुटी हुई है। श्री सिंह ने कहा कि मजदूरों की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर काफी दुख हुआ है और वे आंदोलनकारियों का पूरा समर्थन करते हैं। कल ही वे कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन देंगे साथ ही आंदोलनकारियों के समर्थन में निकलेंगे। उन्होंने कम्पनी में कार्यरत सभी संगठनों से साझा संघर्ष करने की अपील की है।