जिला अस्पताल के ओपीडी में बढ़े मरीज, पर्ची के लिए करते हैं धक्का-मुक्की
मौसमी बीमारियों का कहर जिला अस्पताल के ओपीडी में बढ़े मरीज, पर्ची के लिए करते हैं धक्का-मुक्की
डिजिटल डेस्क सीधी। जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ी हुई है। आउटडोर में पर्ची के लिए लम्बी लाइन लग रही है। इस दौरान पर्ची कटाने को लेकर मरीजों के परिजनों को धक्का-मुक्की भी झेलनी पड़ रही है। हालांकि यहां तैनात गार्ड के रूप में सुरक्षाकर्मियों द्वारा व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाता है किन्तु भीड़ के दवाब के चलते वह भी असहाय हो जाते हैं। ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ओपीडी में मरीजों की भीड़ सुबह 9 बजे से जम जाती है जो दोपहर बाद तक बनी रहती है। मरीजों की बढ़ती भीड़ के कारण पर्ची कटाने, दवा लेने सहित डाक्टर से मिलने के लिये धक्का-मुक्की का आलम देखा जाता है। जिला चिकित्सालय में मरीजों के भीड़ की स्थिति लगभग हर दिन देखी जा रही है। गौरतलब है कि अस्पताल में मरीजों की ज्यादा भीड़ नजर आती है, किंतु बरसात के मौसम में आये बदलाव के चलते गर्मी बढ़ी है। वहीं बादलों के छटने से धूप के प्रभाव का आम लोगों पर असर पड़ा है जिसके चलते बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढऩे लगा है। जहां मौसमी बीमारियों सहित मलेरिया आदि तरह की बीमारियों से लोग पीडि़त देखे जा रहे हैं। रोगों से पीडि़त मरीजों की तादात बढऩे से अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की भीड़ बनी रहती है। जहां चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श मिलने में देरी होने की वजह से चारों तरफ मरीजों का हुजूम दिखाई पडऩे लगता है।
निजी अस्पतालों की ओर मरीजों का रूख
बरसात के मौसम में मौसमी बीमारियों के अलावा अन्य बीमारियों का इलाज कराने मरीज निजी अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं। कारण यह कि शासकीय अस्पताल में मरीजों की देखभाल ठीक ढंग से न होने और स्वच्छता की कमी भी मुख्य वजह बन रही है। अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के साथ अपने निजी प्रैक्टिस पर ध्यान देना भी इसकी एक मुख्य वजह मानी जा सकती है। अव्यवस्था के चलते निजी चिकित्सालयों में इलाज करा रहे मरीजों की जेब ढीली हो रही है। जहां मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीज का भी दवा और जांच कराने में न्यूनतम एक हजार रूपये खर्च हो जाते हैं। इसके वावजूद भी मजबूरी में मरीजों को निजी चिकित्सालयों में इलाज कराना पड़ रहा है।