खाद खरीदने के लिए जाति पूछने पर विपक्ष को एतराज, केंद्र से जाति का कॉलम हटाने की मांग

मुनगंटीवार-पटोले में नोंकझोंक खाद खरीदने के लिए जाति पूछने पर विपक्ष को एतराज, केंद्र से जाति का कॉलम हटाने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-10 13:30 GMT
खाद खरीदने के लिए जाति पूछने पर विपक्ष को एतराज, केंद्र से जाति का कॉलम हटाने की मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  उर्वरक (खाद) खरीदने वाले किसानोंसे जाति पूछे जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस के नाना पटोले और मंत्री सुधीर मुनंगटीवार के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि केंद्र सरकार के ऐप में हुए बदलाव के चलते जाति का उल्लेख करना जरूरी हो गया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से संपर्क कर जाति का कॉलम हटाए जाने की मांग की जाएगी।

विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष के नेता अजित पवार ने सांगली में उर्वरक की खरीदी के लिए किसानों की जाति पूछने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील महाराष्ट्र में उर्वरक देने के लिए किसानों की जाति पूछा जाना गलत है। जब तक किसान जाति नहीं बताते खरीदारी की प्रक्रिया आगे ही नहीं बढ़ती।हम किसान हैं और यही हमारी जाति है। कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सांगली में ही नहीं पूरे राज्य में ऐसा ही हो रहा है। मामले में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि विपक्ष राई का पहाड़ बना रहा है। ई-पॉस में सॉफ्टवेयर अपडेट के चलते परेशानी हो रही है। जिस पोर्टल पर जाति पूछी जा रही है, उसका संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। केंद्र सरकार से जाति के कॉलम को डिलीट करने को कहा जाएगा और इसमें सुधार करा लिया जाएगा। 

मुनगंटीवार-पटोले में नोंकझोंक

मुनगंटीवार ने विपक्ष पर मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। इसे लेकर उनकी कांग्रेस नेता नाना पटोले से तीखी बहस भी हो गई। पटोले ने कहा कि इतने गंभीर मुद्दे पर मुनगंटीवार राई का पहाड़ बनाने की बात कैसे कर सकते हैं। इसे लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीच में हस्तक्षेप किया और कहा कि वह केंद्र सरकार से कहकर जाति के कॉलम को हटाने की अपील करेंगे। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि उनकी सरकार ने हालिया बजट में किसानों के लिए कई अच्छे फैसले लिए हैं। ऐसे में विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह राज्य सरकार को निशाना बना रहा है। इधर यह मामला उठने के बाद राज्य का कृषि विभाग नींद से जागा है। कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण ने केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन विभाग के सचिव को भेजे पत्र में अनुरोध किया है कि उर्वरक की खरीदी करने वाले किसानों से उनकी जाति नहीं पूछी जाए। 

 

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