अब नहीं कर पाएंगे खुद के लिए नलकूप का खनन, सिंगरौली 15 जुलाई तक के लिए जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित

अब नहीं कर पाएंगे खुद के लिए नलकूप का खनन, सिंगरौली 15 जुलाई तक के लिए जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-25 12:47 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!


डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने मप्र पेयजल परीक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये 15 जुलाई तक के लिए जल अभाव ग्रस्त घोषित कर दिया है। यह आदेश जनहित में सिंगरौली राजस्व जिले के समस्त विकास खंडों एवं नगरीय क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। जारी आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के पूरे जिले में किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों से सिर्फ पेयजल तथा घरेलू उपयोग के लिये पानी ले सकेगा। इसके अलावा अन्य किसी प्रयोजन के लिए नहरों के अलावा अन्य स्त्रोतों से जल नहीं ले सकेगा। समस्त विकास खंडों एवं नगरीय क्षेत्र के समस्त नदी, नालों, स्टॉप डैम, सार्वजनिक कुंओं तथा अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग के लिये घरेलू प्रयोजन के लिए तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया जाता है। पूरे जिले में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राइवेट ठेकेदार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिए नवीन नलकूप का निर्माण नहीं करेगा। यह आदेश शासकीय नलकूप खनन पर लागू नहीं होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध पेयजल परीक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।
निजी जलस्रोतों का कर सकेंगे अधिग्रहण-
जिन व्यक्तियों की अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य करना है, उन्हें ऐसा करने के लिए निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन करना होगा। सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सूख जाने के कारण वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं होने पर जनहित में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोतों को पेयजल परीक्षण संशोधन अधिनियम 2002 के सेक्शन 4 ए तथा 4 बी के प्रावधानों के आधीन अधिग्रहण निश्चित अवधि हेतु कर सकेंगे।

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