नसबंदी शिविर में लापरवाही, महिलाएं हो रहीं परेशान

नसबंदी शिविर में लापरवाही, महिलाएं हो रहीं परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-01 07:43 GMT
नसबंदी शिविर में लापरवाही, महिलाएं हो रहीं परेशान

डिजिटल डेस्क बजाग/डिण्डौरी। जिले भर में महिलाओं के टीटी ऑपरेशन किए जाने के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है जहां नियमों को ताक में रखकर ऑपरेशन किए जा रहे है। बताया जाता है कि निर्देशों में एक दिन में 30 ऑपरेशन किए जाना है, लेकिन यहां 67 ऑपरेशन कर शासन के नियमों को अनदेखा किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर जो ऑपरेशन किए जा रहे है उसमें संबंधित हितग्राहियों को लाभ भी नहीं मिल पा रहा है और वे ऑपरेशन कराने के लिए अपने वाहन और पैसा खर्च कर अस्पताल पहुंच रहे है जहां महिलाओं की बढ़ती भीड़ और लगातार ऑपरेशन किए जाने व व्यवस्थाएं न होने को लेकर भी अस्पताल प्रबंधन सवालों में घेरे में नजर आ रहा है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नियम के तहत 30 ऑपरेशन ही किया जाना है, लेकिन डिण्डौरी मुख्यालय में दो चक्र में ऑपरेशन किए गए है। वहीं ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं को पर्याप्त सुविधा लाभ भी उपलब्ध कराया जाता है।
बजाग में 17 ऑपरेशन
बजाग स्वास्थ्य केन्द्र में महिलाओं के 17 ऑपरेशन किए गए जहां देर रात तक ऑपरेशन किए जाने का क्रम चलता रहा, लेकिन ऑपरेशन के दौरान महिलाओं व उनके साथ आए परिजनों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है। वहीं ऑपरेशन कराने के बाद महिलाओं को अस्पताल से वापस भी कर दिया गया। जबकि शासन के नियमों में कहा गया है कि ऑपरेशन के बाद महिलाओं को लगभग 6 घण्टे का आराम दिया जाना चाहिए। परन्तु बजाग विकासखण्ड में दूरस्थ ग्रामों से आई महिलाओं के जो ऑपरेशन किए गए उनमें महिलाओं को कुछ घण्टे बाद ही वापस भेज दिया गया। यहां टीटी ऑपरेशन को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। जिससे अधिकांश ऑपरेशन कराने वाली महिलाएं जमीनों पर बिस्तर लगाकर पड़ी रही। यहां हुई अनियमितताओं को लेकर लोगों में खासा आक्रोश भी रहा और उन्होंने इस संबंध में मौजूद सीएमएचओ से चर्चा कर व्यवस्था बनाए जाने की मांग की। यहां लोगों का कहना है कि बजाग स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकीय सुविधा तरीके से संचालित नहीं हो रही है और न ही शासन की योजना के तहत मरीजों व उनके परिजनों को कोई लाभ मिल पा रहा है। यहां अनेक मामलों में मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल में व्यवस्था न होने के कारण लोग खासे परेशान रहते है और निजी क्षेत्र की सहायता लेते है। वहीं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण अनेक लोग अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा न मिल पाने के कारण या तो नीम हकीम के जाल में फस जाते है या फिर झाडफ़ूक करवाकर जीवन को बचाने का प्रयास करते है। ऐसे हालातों में अनेक लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ी रहती है। बजाग स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाएं न मिल पाने के कारण अनेक लोग या तो छत्तीसगढ़ या फिर जबलपुर जा रहे है। जिससे गरीबों की स्थिति बदत्तर हो रही है।
इनका कहना है
एलटीटी ऑपरेशन को लेकर जो समस्याएं सामने आई है उन्हें दिखवाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ आरके मेहरा, सीएमएचओ, डिण्डौरी

 

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