MP : किशोरी से दुष्कर्म कर हत्या करने वालों को फांसी की सजा
MP : किशोरी से दुष्कर्म कर हत्या करने वालों को फांसी की सजा
डिजिटल डेस्क, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडौरी में 10 साल की किशोरी से दुष्कर्म के बाद निर्ममता से हत्या करने वाले दोषियों को फांसी की सजा दी गई है। डिंडौरी के जिला बनने के बाद ये पहला मामला है जब रेप के मामले में किसी आरोपी को फांसी की सजा दी गई है। जिला सत्र न्यायाधीश भगवती चौधरी ने ये फैसला सुनाया।
क्या है मामला ?
14 अप्रैल 2017 को ग्राम गुंजयारी में चौक समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान गांव की ही एक बालिका अपने परिवार के साथ इस समारोह में शामिल होने आई थी। घटना के दौरान सतीश और उसके दोस्त भगवानी सिंह ने पहले तो जमकर शराब पी। इसके बाद किशोरी को अगवा करके उससे दुष्कर्म किया। अपना गुनाह छिपाने के लिए आरोपियों ने उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। किशोरी के लापता होने के बाद परिजनों ने काफी तलाश की। दूसरे दिन किशोरी का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला। पुलिस ने तहकीकात करते हुए दो आरोपियों को धरदबोचा। दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। बताया जाता है कि मृतिका आरोपी सतीश की बेटी की सहेली थी।
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फरार होने पर हुआ था शक
गांव में चौक का कार्यक्रम चल रहा था जहां पूरा गांव एकत्र था, लेकिन गांव के भगवानी सिंह और सतीश कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। वहीं बालिका के लापता हो जाने के बाद भी इन लोगों का कोई पता नहीं था। भगवानी सिंह गांव से फरार हो चुका था, लेकिन सतीश गांव में ही रह रहा था। पुलिस पूछताछ के दौरान जब वो भी सामने नहीं आया तो पुलिस को शक हुआ। शक के आधार पर जब पूछताछ की गई तो सतीश ने जुर्म कबूल कर किया। इसके बाद पुलिस ने ग्राम मझियारी से दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया था।
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कंबल लेने गई थी बालिका
बताया जाता है कि बालिका चौक समारोह में शामिल होकर रात को वहीं रूकने के लिए घर से कंबल लेने के लिए गई थी। वह कंबल लेकर लौट रही थी तब दोनों आरोपियों ने रास्ते में बालिका को कुरकुरे दिलाने की बात कही। कुरकुरे दिलाने के बहाने आरोपी उसे सुनसान इलाके में ले गए। उसके बाद दोनों आरोपियों ने बालिका के साथ दुराचार किया। बाद में गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
जिला बनने के बाद पहला मामला
बताया जा रहा है कि डिंडौरी के जिला बनने के बाद यह पहला मामला है जब किसी आरोपी को फांसी की सजा दी गई है। इससे पहले डिंडौरी मंडला की तहसील हुआ करती थी। तब तहसील न्यायालय के दौर में सन 1993 में एक आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी।