सेल्फ मीटर रीडिंग से अनभिज्ञ हैं अधिकांश उपभोक्ता
प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही योजना सेल्फ मीटर रीडिंग से अनभिज्ञ हैं अधिकांश उपभोक्ता
डिजिटल डेस्क सीधी। विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं को बिजली बिल से जुड़ी शिकायतों को दूर करने की व्यवस्था प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही है। उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए यह योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत उपभोक्ता अब खुद मीटर की फोटो खींचकर विभाग को मेल कर सकते हैं। बिजली विभाग द्वारा बनाए गए एप ऊर्जस में खुद बिजली बिल जनरेट करने की व्यवस्था बनाई गई है। इस एप में उपभोक्ता हर माह स्वयं मीटर की फोटो खींचकर अपलोड कर सकते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सीधी डिवीजन में इस योजना की शुरुआत एक साल पहले ही हो चुकी है। लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में उपभोक्ता इस एप का उपयोग करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। मीटर रीडरों की बार-बार हड़ताल को देखते हुए विभाग अब इस सुविधा का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से करने की तैयारी में है।
इस प्रक्रिया का करना होगा पालन
मिली जानकारी के मुताबिक ऊर्जस एप के माध्यम से उपभोक्ताओं की परेशानियों को हल करने के लिए कई सेवाओं को जोड़ा गया है। जिसमें उपभोक्ता को अपना सर्विस न बर डालना होगा और महीने की 5 तारीख तक मीटर की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी। जिसके बाद आईवीआरएस नंबर डालते ही सारी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। इस एप के माध्यम से गड़बडिय़ों की शिकायत भी की जा सकेगी।
एप के माध्यम से दर्ज हो पायेंगी शिकायतें
बताया गया है कि एप के माध्यम से 14 प्रकार की सेवाओं संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकेंगी। बिजली बंद होने की सूचना एप पर दर्ज करने के साथ ही संबंधित कॉलोनी, बिजली जोन के कर्मचारी या मोबाइल टीम तक यह शिकायत पहुंच जाएगी और अन्य माध्यमों की अपेक्षा इसमें त्वरित शिकायत का निराकरण किया जा सकेगा। बिजली कंपनी द्वारा बनाए गए इस एप में रीडिंग के साथ ही ट्रांसफ ार्मर व मीटर बदलना, ऑनलाइन बिल देखना, बिल प्राप्त करना, नया कनेक्शन लेना व नाम बदलने जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।
प्रचार प्रसार की कमी आ रही आड़े
एप के माध्यम से दी जा रही सुविधाओं का उपयोग अधिकतर बिजली उपभोक्ता नहीं उठा पा रहे हैं। विभाग द्वारा इस सुविधा का प्रचार-प्रसार करने में कोताही बरती जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस सुविधा के उपयोगकर्ताओं की कम सं या से चिंतित विभाग के आला अधिकारी अब इस योजना के प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं।