अवयव के लिए 6500 से अधिक लोगों को इंतजार- अंगदान के लिए राज्यभर में जनजागृति अभियान

लक्ष्य अवयव के लिए 6500 से अधिक लोगों को इंतजार- अंगदान के लिए राज्यभर में जनजागृति अभियान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-06 16:07 GMT
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डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। एक ब्रेन डेड मरीज के अंगदान से 7 लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है। ऐसा होते हुए भी राज्य में 6 हजार से अधिक लोग किडनी, ह्रदय, लिवर आदि पाने के लिए कतार में है। राज्य में अंगदान की धीमी रफ्तार को गति देने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग अब जनजागृति पर जोर देगा। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर छत्रपति संभाजी नगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज (घाटी) से इसकी शुरुआत होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इसके बाद राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने के मकसद से विशेष कार्यक्रम किए जाएंगे। बता दें कि 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अंगदान को लेकर एक मुहिम आज से शुरू करने की तैयारी की है। इसके तहत मरीजों, मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेस और कर्मचारियों को अंगदान से जुड़ी जानकारी देने के लिए सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में 'अवयवदान जनजागृति' अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद पूरे वर्षभर तक सरकारी अस्पतालों में अंगदान को लेकर विशेष उपक्रम किए जाएंगे जिसमें मरीजों व उनके परिजनों की अंगदान को लेकर काउंसलिंग भी की जाएगी। 

इतने लोग हैं वेटिंग में

राज्य में 6500 से अधिक लोग शरीर के विभिन्न अंग पाने के लिए प्रतीक्षा में हैं। सबसे ज्यादा वेटिंग लिस्ट किडनी की है। किडनी के लिए 5784 लोग प्रतीक्षा में हैं। जबकि लिवर के लिए 1528, हार्ट के लिए 142, पैंक्रियास के लिए 58, फेफड़ों के लिए 44 और छोटी आंत के लिए 11 लोग प्रतीक्षा में है। 

 

अंगदान प्रतिज्ञा में महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर

राज्य की आबादी 11 करोड़ 23 लाख हैं। इसमें से केवल 49,000 लोगों ने अंगदान की प्रतिज्ञा ली है। इस मामले में महाराष्ट्र देश में तीसरे पायदान पर है। इसके  साथ ही किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिर्फ 72 सेंटर, लीवर ट्रांसप्लांट और हार्ट के लिए 36 सेंटर हैं और अन्य प्रत्यारोपण के लिए 9 केंद्र हैं। आंख और त्वचा बैंक के भी केंद्र राज्य में बहुत कम हैं। इसे बढ़ाने के लिए अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयारी की है। 

क्या कहते है मंत्री

चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि वर्ष 2014-19 में उनके कार्यकाल के दौरान अंगदान को लेकर जनजागृति की थी उस समय इसे अच्छा प्रतिसाद भी मिला था लेकिन कोरोना के दस्तक के बाद से यह रफ्तार धीमी पड़ गई थी।अब फिर से वे इसे गति दे रहे है। उन्होंने कहा कि वर्षभर चलनेवाले इस अभियान में अंगदान को लेकर प्रत्यारोपण केंद्र बढ़ाए जाएंगे। 

क्या कहते है अधिकारी

चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. अजय चंदनवाले ने बताया कि राज्य में अंगों के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। इसके लिए जरूरी है कि अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जाए। हर मेडिकल कॉलेज में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें राज्य की सभी विभिन्न चिकित्सा शाखाओं की परिषदें शामिल हैं।
 

 

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