फॉर्म पर अधीक्षक की जगह खुद ही साइन कर रहे मेडिकल डॉक्टर
छिंदवाड़ा फॉर्म पर अधीक्षक की जगह खुद ही साइन कर रहे मेडिकल डॉक्टर
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में एमआरआई की सुविधा के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। निजी क्लीनिक के मरीजों को प्राथमिकता दिलाने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एमआरआई फॉर्म पर अधीक्षक के स्थान पर स्वयं सील और साइन कर रहे है। जबकि इस फॉर्म पर कंसलटेंट डॉक्टर, डिपार्टमेंट के एचओडी और अधीक्षक या सीएस के साइन-सील अनिवार्य हैं।
मेडिकल के डॉक्टर नियम विरुद्ध तरीके से एमआरआई जांच करा रहे है।एक ओर जिला अस्पताल में भर्ती जरुरतमंद मरीज जिन्हें एमआरआई कराना है वह तीन डॉक्टरों की साइन के लिए भटकते नजर आते हैं। वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नियमों को दरकिनार कर निजी क्लीनिक में आने वाले मरीजों को प्राथमिकता दिला रहे हैं। इसकी शिकायत अधीक्षक द्वारा मेडिकल कॉलेज डीन से की जा चुकी है। शिकायत को डीन द्वारा गंभीरता से नहीं ली गई। जिसकी वजह से जिला अस्पताल के मरीजों को एमआरआई में प्राथमिकता नहीं मिल रही है।
दुरूपयोग न हो इसलिए बनाई थी व्यवस्था
जिला अस्पताल में भर्ती जरुरतमंद मरीज को एमआरआई जांच की सुविधा मिल सके और इसका दुरूपयोग न हो इसीलिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा एमआरआई फॉर्म पर कंसलटेंट डॉक्टर, डिपार्टमेंट के एचओडी और अधीक्षक के साइन-सील अनिवार्य किए गए थे, लेकिन मेडिकल के डॉक्टर अधीक्षक की जानकारी के बिना उनके स्थान पर स्वयं साइन कर नियमों की अवहेलना कर रहे है।
मैंने मेडिकल कॉलेज डीन से की शिकायत- अधीक्षक
इस संबंध में एमआरआई विभाग के अधीक्षक डॉ.जेएम श्रीवास्तव का कहना है कि एमआरआई फॉर्म पर कंसलटेंट डॉक्टर, डिपार्टमेंट के एचओडी के बाद मेरे द्वारा साइन किए जाते है। पिछले दिनों जानकारी में आया था कि एक डॉक्टर मेरे स्थान पर स्वयं साइन कर रहे है। इसकी शिकायत मेरे द्वारा मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.जीबी रामटेके से की गई है।
गलती से हो गए साइन
इस संबंध में आर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉ.शैलेन्द्र सय्याम का कहना है कि जल्दबाजी या गलती से किसी मरीज के फॉर्म में अधीक्षक के स्थान पर मेरे साइन और सील हो गए है। अधीक्षक ही एमआरआई फॉर्म में सील और साइन के लिए अधिकृत है।
क्या कहते हंै अधिकारी
॥इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जांच के बाद ही मैं कोई जवाब दे पाऊंगा।