केन्द्र से स्वीकृति: जल्द शुरू होगा मण्डला-डिण्डौरी, जबलपुर-अमरकंटक मार्ग का कार्य
केन्द्र से स्वीकृति: जल्द शुरू होगा मण्डला-डिण्डौरी, जबलपुर-अमरकंटक मार्ग का कार्य
डिजिटल डेस्क, डिण्डौरी। मण्डला से लेकर डिण्डौरी और जबलपुर से लेकर अमरकंटक दोनों मार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग में जोड़ा जा चुका है और वर्तमान स्थितियों में इन मार्गो पर लगभग 70 किलोमीटर का हिस्सा जर्जर हो चुका है। जिसके लिए मध्यप्रदेश रोड विकास निगम ने केन्द्र सरकार से बीसी अर्थात डेमेज पोर्सन की रिपेयरिंग के लिए स्वीकृति प्राप्त कर ली है और दिसम्बर माह से कार्य प्रारंभ होने की संभावना अधिकारियों द्वारा बतलाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार इन दोनों मार्गो पर जो टेण्डर लगाए गए थे उन्हें अंतिम रूप दिया जा चुका है और एजेंसी फाइनल होने के बाद जल्द ही कार्य की शुरूआत की जा सकती है। बताया जाता है कि पूर्व में राज्य शासन के अधीन इन सड़कों पर होने वाली परेशानियों को आसानी से निपटा लिया जाता था, लेकिन अब जब इन मार्गो को एनएच से जोड़ दिया गया है तो सड़क रिपेयरिंग आदि के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृति ली जाती है जिसके लिए पूर्व में प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था और इन सड़कों पर कार्यादेश मिल चुके है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग में चतुष्गामी मार्ग की जो अवधारणा सामने आई है उसमें नर्मदा एक्सप्रेस-वे के रूप में कार्य की शुरूआत पहले चरण में नरसिंहपुर, भोपाल, जबलपुर व शहडोल के लिए हो चुकी है और जबलपुर-अमरकंटक, शहडोल को जोडऩे वाले मार्ग पर कार्य की शुरूआत अगले दो वर्षो के दौरान प्रारंभ हो सकती है।
नए पुलों का भी होगा निर्माण
जिले में इन दोनों मार्गो पर अंग्रेजों के समय के पुलों का उपयोग अभी भी हो रहा है और लगभग 100 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके इन पुलों की स्थिति जर्जर हो चुकी है। यह बात अधिकारियों ने भी स्वीकार की है और इस मामले में कहा है कि फोरलेन के साथ-साथ पुलों का निर्माण कार्य भी नवीन योजना में शामिल किया गया है। बहरहाल जबलपुर-अमरकंटक व मण्डला-डिण्डौरी मार्ग पर पडऩे वाले पुलों के रख-रखाव के लिए व्यवस्था की जा चुकी है और इसका स्टीमेट भी तैयार कर केन्द्र शासन को भेजा गया है जहां से डीपीआर तैयार होने के बाद पुलों के रख-रखाव व सुधार के लिए स्वीकृति मिल सकती है। अधिकारियों का कहना है कि इस दिशा में भी तेजी से प्रयास चल रहे है और जल्द ही स्वीकृति मिलेगी।
आए दिन हो रहे हादसे
वाहन चालकों का कहना है कि अमरकंटक मार्ग पर यातायात का दबाव बना रहता है और जिले को छत्तीसगढ़ से जोडऩे वाले इस मार्ग पर तेजी से भागते वाहन आए दिन दुर्घटना का कारण बन रहे है। ज्ञातव्य हो कि कुछ दिन पूर्व जहां जर्जर मार्ग के कारण एक के बाद एक कर दो ट्रक पलट गए थे वहीं इस मार्ग पर अनेक सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जाने भी जा चुकी है। यही हाल डिण्डौरी से जबलपुर मार्ग के है जहां शहपुरा से बरगांव, बरगांव से अमेरा मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके है और कई स्थानों पर मार्ग इतना सकरा हो गया है कि यहां तेज गति पर हादसे होते रहते है। ज्ञातव्य हो कि पूर्व में यात्री वाहनों के पलटने के कारण कुछ लोगों की मौते भी हुई थी।
निकल रही लोहे की राड
वर्तमान स्थितियों में डिण्डौरी से अमरकंटक के बीच कुकर्रामठ, कारोपानी, पड़रिया होते हुए गाड़ासरई से करंजिया के बीच लगभग 40 किलोमीटर सड़क मार्ग पर जगह-जगह सड़क की स्थिति खासी बदत्तर हो गई है और कई स्थानों पर लोहे की राडे भी निकलकर बाहर आ गई है। जिससे वाहन चालकों को खतरा मडरा रहा है और उन्होंने इस मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन को भी की है। यही हाल डिण्डौरी से मण्डला और डिण्डौरी से जबलपुर के बीच है जहां जगह-जगह सड़क व पुलिया बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जो खतरे का कारण बनी हुई है।