महासमुंद : मानसून में भी मनरेगा के तहत मजदूरों को मिल रहा काम

महासमुंद : मानसून में भी मनरेगा के तहत मजदूरों को मिल रहा काम

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-22 08:45 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, महासमुंद। 21 जुलाई 2020 कोविड-19 और लाॅकडाउन के चलते कई सरकारी और निर्माण काम प्रभावित हुए थें। लाॅकडाउन में दी गई ढील के कारण महासमुंद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार और अन्य योजना के तहत गरीब, मजदूर और जरूरतमंद ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने कई काम प्रशासन द्वारा स्वीकृत करना शुरू कर दिया हैं। जिन्हें मानसून बारिश में भी कराया जा सकता है। ऐसे अपूर्ण पक्के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण किए जा रहें हैं। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत बारिश के मौसम में मिट्टी कार्यों को छोड़कर ग्रामीण अधोसंरचना, व्यक्तिमूलक और आजीविका संवर्धन के पक्के निर्माण कार्यों तथा नर्सरी व पौधरोपण कार्यों को कराने हेतु निर्देशित किया गया है। इसके तहत धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरों, नए पंचायत भवनों, आँगनबाड़ी भवनों, खाद्यान्न भंडारगृहों और श्मशान घाटों के निर्माण के साथ ही आजीविका संवर्धन के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, पशु शेड, सुअर शेड तथा वर्मी व नाडेप कम्पोट संरचना के निर्माण को शामिल किया गया है। इन कार्यों के अलावा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से नर्सरी तैयार करने और ब्लाॅक, सड़क किनारे, किनारों एवं तटीय किनारों व बंजर भूमि के किनारों पर वृक्षारोपण के कार्य किए जा सकते हैं। इन सभी कार्यों में लोगों को रोजगार मिल रहा हैं और उनको समय पर मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा हैं। खरीफ फसल के कारण ज्यादातर श्रमिक खेती किसानी में लगे हुए हैं, लेकिन जो लोग या जिनके पास खेती किसानी का काम नहीं हैं वे मनरेगा के तहत चलनें वाले कामों पर ही निर्भर हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅं. रवि मित्तल ने लोगों की जरूरत के मुताबिक उन्हें काम उपलब्ध कराने मनरेगा के तहत पर्याप्त संख्या में निर्माण कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। 

Similar News