मप्र: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- फ्लोर टेस्ट पर राज्यपाल का आदेश सही था, कांग्रेस की याचिका खारिज

मप्र: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- फ्लोर टेस्ट पर राज्यपाल का आदेश सही था, कांग्रेस की याचिका खारिज

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-13 07:20 GMT
मप्र: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- फ्लोर टेस्ट पर राज्यपाल का आदेश सही था, कांग्रेस की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने और बीजेपी के दोबारा सरकार बनाने के लिए चले घमासान और सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मामले पर आज (सोमवार) अदालत ने अहम फैसला सुनाया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि कांग्रेस राज्य में बहुमत खो चुकी थी। ऐसे में राज्यपाल का फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश गलत नहीं था। 

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल का फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश बिल्कुल सही था। राज्यपाल पर इसको लेकर कोई केस नहीं बनता है। ऐसे में कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से दिए तर्क को नकार  दिया है। जिसमें उन्होंने कहा था, राज्यपाल ऐसा आदेश नहीं दे सकते। 

अदालत ने कहा कि राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट मांग करने का पूरा हक है। वे कभी भी इसे करवा सकते हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ऐसा विधानसभा के सत्र के दौरान भी आदेश दे सकते हैं और फ्लोर टेस्ट के लिए सरकार को बाध्य कर सकते हैं। बता दें कि गर्वनर लालजी टंडन ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था, लेकिन सदन की शुरुआत होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने कोविड-19 के चलते सदन को कुछ दिनों के लिए टाल दिया था। जिसके बाद मामला अदालत पहुंच गया था।

बता दें कि पिछले महीने मध्यप्रदेश की राजनीति में काफी घमासान देखने को मिला। कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं 20 विधायक कमलनाथ से नाराज होकर बेंगलुरु पहुंच गए और इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां अदालत ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया और बहुमत साबित करने से पहले कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद दोबारा राज्य में बीजेपी की सरकार बनी।
 

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