घर तक नहीं पहुंची जननी एक्सप्रेस तो हाथ ठेला में प्रसूता को लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन
घर तक नहीं पहुंची जननी एक्सप्रेस तो हाथ ठेला में प्रसूता को लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन
डिजिटल डेस्क सीधी। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिये अस्पताल तक लाने और ले जाने के लिये शासन ने जननी एक्सप्रेस वाहन की व्यवस्था की है किंतु लापरवाही के चलते गरीबों को यह व्यवस्था नसीब नहीं हो रही है। शहर के डैनिहा गांव की आदिवासी महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान वाहन न मिलने पर उसके परिजन हाथ ठेला में लेकर प्रसूता को जिला चिकित्सायल पहुंचे और प्रसूता ने अस्पताल गेट के सामने ही बच्चे को जन्म दे दिया।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले ही शव वाहन न मिलने पर एक आदिवासी के शव को हाथ ठेले से दस किमी दूर ले जाना पड़ा है। उक्त मामला अभी ठण्डा भी नही हुआ था कि जननी एक्सप्रेस वाहन ने आदिवासी महिला स्वाती कोल पति करन कोल उम्र्र 20 वर्ष निवासी डैनिहा को हाथ ठेले से अस्पताल तक पहुंचने मजबूर कर दिया है। परिजनों का आरोप है कि प्रसव पीड़ा के दौरान जननी एक्सप्रेस वाहन की मांग की गई थी जहां आशा कार्यकर्ता द्वारा साफ मना कर दिया गया था। बाद मे जब प्रसव पीड़ा से कराह रही स्वाती को अस्पताल ले आया गया तो वार्ड में पहुंचने के पहले ही गेट पर ही महिला का प्रसव हो गया।