पट्टा मिलने की अफवाह पर उमड़े सैकड़ों ग्रामीण, वापस भेजने प्रशासन को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत 

पट्टा मिलने की अफवाह पर उमड़े सैकड़ों ग्रामीण, वापस भेजने प्रशासन को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-30 09:45 GMT
पट्टा मिलने की अफवाह पर उमड़े सैकड़ों ग्रामीण, वापस भेजने प्रशासन को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत 

डिजिटल डेस्क सीधी। शहर के समीप मड़रिया वाइपास मार्ग पर जहां प्रधानमंत्री की चुनावी सभा हुई थी उसी स्थान पर मंगलवार को सैकड़ों की तादात में ग्रामीण पट्टा लेने पहुंच गये थे। पट्टा वितरण की अफवाह पर जमा हुए जिले के कोने-कोने से आए लोगों को समझाइस देने में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। प्रशासन द्वारा आवेदन लेने पर ही किसी तरह ग्रामीण वापस जाने को राजी हुए हैं। 
उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह से ही शहर के मड़रिया वायपास के समीप धीरे-धीरे आदिवासी जमा होना शुरू हो गए थे। यह दोपहर तक में पूरे जिले के हजारो आदिवासी एकजुट हो गए। इतनी भारी मात्रा में उमड़ी भीड़ को कोई समझ नही पा रहा था कि आखिर ये भीड़ क्यों उमड़ी है जब इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई तो मौके पर पहुंचे डिप्टी कलेक्टर श्रेयश गोखले, थाना प्रभारी राजेश पाण्डेय, नायब तहसीलदार आरडी साकेत, उपनि केदार परौहा, प्रआर. तिलकराज ङ्क्षसह सेंगर, आर. सुनील बागरी समेत कई अन्य राजस्व के अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे। जब वहां मौजूद लोगों से बात करने की कोशिश अधिकारियों द्वारा की गई तो बताया कि आज यहां पर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक जमीन का पट्टा वितरित करने वाले हैं ऐसी सूचना हम लोगों को मिली है तो हम लोग यहां एकत्रित हुये हैं। तब स्थिति को भांपते हुए डिप्टी कलेक्टर श्रेयश गोखले द्वारा समझाईस दी गई तब जाकर लोग अपना आवेदन उन्ही को सौंपकर धीरे-धीरे अपने घरों की ओर रवाना हो गए। वहीं बरम्बाबा से आये आदिवासियों द्वारा बताया गया कि जहां हम लोग घर बनाकर रहते हैं वह जंगल विभाग की है जिस पर बाहर से जंगल विभाग द्वारा लॉक कर दिया गया है तो हम लोगों को बाहर निकलने में समस्या होती है। जिस पर डिप्टी कलेक्टर ने समस्या का निदान कराने का आश्वासन दिया गया है। 
 

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