ठेकेदारों की सुनवाई, जनप्रतिनिधियों की हो रही उपेक्षा, सीईओ ने कहा- जांच करेंगे
छिंदवाड़ा ठेकेदारों की सुनवाई, जनप्रतिनिधियों की हो रही उपेक्षा, सीईओ ने कहा- जांच करेंगे
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। लंबे समय बाद गुरुवार को हुई जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की बैठक में सदस्यों ने जमकर गुबार निकाला, सदस्यों का आरोप था कि मनरेगा के तहत आरईएस में जो काम चल रहे हैं, उसमें विभागीय अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बजाए, ठेकेदारों को ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं। शिकायतों के बाद भी सदस्यों की सुनवाई न के बराबर होती हैं, इतना ही नहीं शिकायत करने पर अधिकारी जांच तक नहीं करते हैं। बैठक में जिला पंचायत सदस्यों की नाराजगी सामने आने के बाद सीईओ ने तुरंत ही कहा कि इस मामले की जांच करेंगे, जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा नहीं की जाएगी।
गुरूवार को हुई बैठक मेें अगले वित्तीय वर्ष का बजट सदस्यों की मौजूदगी मेंं वित्तीय वर्ष २०२२-२३ का अनुमानित वार्षिक बजट और मनरेगा का लेबर बजट अनुमोदित किया गया। सीईओं द्वारा सदस्यों के समक्ष पांच अरब 25 करोड़ 23 लाख 34 हजार रुपए का बजट पेश किया गया। अगले वित्तीय वर्ष के बजट में सबसे ज्यादा जोर मनरेगा को मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा काम देने पर दिया गया हैं। लेकिन दूसरी ओर आवास योजना का बजट कम कर दिया गया हैं। जिला पंचायत की प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष कांता ठाकुर की अध्यक्षता में बजट बैठक आयोजित की गई।
बैठक में प्रशासकीय समिति उपाध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी, सांसद प्रतिनिधि सैयद जाफर, सदस्य कमलेश उईके, ज्येाति डेहरिया, ऋषि ठाकुर, मदन साहू, जिला पंचायत सीईओ हरेन्द्र नारायण सहित अन्य उपस्थित थे।
ऐसा है जिला पंचायत का बजट
- वित्तीय वर्ष २०२२-२३
- अनुमानित आय- ५२५२३.३४ रुपए
- अनुमानित व्यय- ५२२११.४५ रुपए
- अनुमानित बचत- ३११.८९ रुपए
नोट- राशि लाख रुपए में है।
मनरेगा का लेबर बजट ऐसा रहा
- अनुमानित परिवारों की संख्या- २१६९९८
- अनुमानित सृजित मानव दिवस- १०७९७९६४
- अनुमानित व्यय- ३६८१७.८२ रुपए लाख में
आरईएस के कामों पर नाराजगी
बैठक में आरईएस के कामों में नाराजगी जताई है यहां पर जिपं सदस्यों का आरोप रहा है कि इनके द्वारा गांवों के विकास के लिए १५ लाख रुपए या इससे अधिक के कार्यों के जो भी प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाते है इन्हें स्वीकृत नहीं किया जाता है। दूसरी ओर पंचायत में ठेेकेदारों जिनमें विभाग के कुछ अधिकारी शामिल है काम शुरू कर दिए जाते है। इस पर जिला पंचायत सीईओ ने जांच करने की बात कहीं है। सदस्य कमलेश उईके का कहना था कि जनप्रतिनधियों की ओर से प्रस्ताव रखने के बावजूद काम की स्वीकृति में समय लगता है।
सीएम राइस के स्कूल अनुमोदित
अप्रैल माह से शुरू हो रहे अगले शैक्षणिक सत्र में सीएम राइस स्कूल की शुरुआत हो जाएगी। जिला शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि पांढुर्णा, सौंसर, परासिया और छिंदवाड़ा में यह स्कूल शुरू होंगे। तकरीबन १५ करोड़ की लागत से भवन के अलावा खेल मैदान और अन्य सुविधाएं होगी।
बैठक में जनप्रतिनिधयों ने यह मुद्दे उठाए
- जिला पंचायत में सांसद प्रतिनिधि सैयद जाफर ने स्कूल शिक्षा विभाग के संविदा से अध्यापक और अध्यापक से प्राथमिक शिक्षक बनने वाले चालीस से ज्यादा लंबित मामले और अनुकंपा मामलों में हो रही लेटलतीफी से होने वाली परेशानी के जल्द निराकरण की बात रखी। इसी प्रकार बंद हुए मेढ़ बंधान के कामों को शुरू कराए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया। सैयद जाफर ने बैठक में ऐसे ढाना जहां सडक़ नहीं बन रही है इनकी स्वीकृत कराए जाने के लिए और पंचायत के काम ठेकेदारों के हो रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता के मामलों में भी सवाल उठाया।
- जिपं प्रशासकीय समिति के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी ने बैठक में बताया कि जिले के कुछ हिस्सों में मनरेगा के कामों में ठेकेदेारी चल रही है जो गलत है, इस व्यवस्था को बंद किया जाए और इसकी जांच हो। साथ ही जिले में चल रहे डेम, तालाब और मनरेगा के कामों में पारदर्शिता होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में अब ७० हजार मकान बनकर तैयार हो चुके है लेकिन इसका प्रचार प्रसार और योजनाओं की जानकारी लोगों को नही मिल रही है। श्रमिक कार्ड, राशन पर्ची भी हितग्राहियों को समय पर दी जाए। धान खरीदी मामले में आ रही परेशानी को भी रखा गया।