सड़क दुर्घटना में सिर पर आई चोटें हो रही हैं जानलेवा
जागरुकता के बाद भी 80 प्रतिशत वाहन चालक नहीं लगा रहे हेलमेट सड़क दुर्घटना में सिर पर आई चोटें हो रही हैं जानलेवा
डिजिटल डेस्क सीधी। सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर होने वाली मौत सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से होती हैं, इसके लिए खासकर दोपहिया वाहन चालको को हेलमेट लगाना अनिवार्य किया गया है। बावजूद इसके 80 प्रतिशत लोग हेलमेट का उपयोग नहीं कर रहे हैं। यह अलग बात है कि पुलिस अभियान के दौरान लोगों के सिर में हेलमेट दिखाई देने लगता है जबकि दोपहिया वाहन पर सुरक्षित सफर के लिए हेलमेट का उपयोग जरूरी है।
ज्ञात हो कि हादसों के शिकार दोपहिया वाहन चालक और सवारी के मामलों में कई बार सामने आया है कि जो लोग हेलमेट का उपयोग करते हैं। उन्हें गंभीर हादसों में भी सिर और चेहरे पर ज्यादा चोट नही आती है। अधिकांश हादसों में सिर में आई गंभीर चोट ही जानलेवा साबित होती है। जिले में सड़क दुर्घटनाओं के शिकार दोपहिया वाहन चालक और सवारी के मामले में कई बार सामने आया है कि ज्यादातर मौत नियमों के उल्लंघन और सुरक्षा उपाय में लापरवाही के कारण ही हुई हैं। इनमें सबसे बड़ी लापरवाही बिना हेलमेट वाहन चला रहे लोग कर रहे हैं। जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालयों से लेकर जिले भर की सड़कों पर रोजाना हजारों लोग दोपहिया वाहन से सफर करते हैं किंतु इनमें से 80 प्रतिशत लोग हेलमेट नहीं लगाते हैं। जबकि किसी भी तरह की दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन पर सवार लोगों की सुरक्षा के लिये हेलमेट बहुत जरूरी है। हेलमेट लगाने से जिंदगी भी सुरक्षित है और यातायात नियमों का पालन भी होता है। हर साल पुलिस द्वारा यातायात सुरक्षा सप्ताह के दौरान इसके लिए प्रतिदिन यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। साथ ही हेलमेट जागरूकता रैली भी निकाली जाती है। इस दौरान वाहन चालकों को हेलमेट का महत्व भी बताया और बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट लगाने के लिए समझाइश दी जाती है। बावजूद इसके लोग अभी भी बाइक चलाते समय हेलमेट लगाने को तैयार नहीं है।
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अधिकांश लोगो के सिर पर नही रहता हेलमेट
जिलेभर की सड़को पर नजर दौड़ाई जाए तो हर 10 बाइक सवार लोगों में एक या दो लोग ही हेलमेट लगाकर चलते हैं। अधिकांश लोग बिना हेलमेट ही सफर कर रहे हैं जबकि हेलमेट किसी भी तरह के हादसे में जान की रक्षा करने में सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है। नियमन वाहन चलाते समय खासकर युवा वर्ग को वाहनों की रफ्तार कम रखने और हेलमेट जरूर लगाने की आवश्यकता है। इस मामले में पुलिस के जवान भी लापरवाह देखे जाते हैं। ज्यादातर पुलिसकर्मी व अधिकारी, कर्मचारी भी बगैर हेलमेट के ही सफर करते देखे जाते हैं। यातायात नियमों का पालन करवाने वाली पुलिस, प्रशासन के अधिकारी और शासकीय कर्मचारियों को भी हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए।
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नियमो का पालन न करने से होती है दुर्घटनाएं
देखा जाए तो सड़क दुर्घटना के कारणों में शराब पीकर और मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना, अवयस्क वाहन चालक, सीट बेल्ट न लगाना, हेलमेट का प्रयोग न करना, असुरक्षित वाहन एवं खराब सड़कें मुख्य कारण होते हैं। अगर यातायात नियमों के अनुरूप वाहन चलाया जाय तो दुर्घटनाओं को काफी कम किया जा सकता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान बताये जाने वाले नियमों का पालन किया जाए तो जीवन की सुरक्षा की जा सकती है। यातायात नियमों का पालन कर ना सिर्फ हम अपनी जान बचाते हैं बल्कि दूसरों की रक्षा भी कर सकते हैं। सरकार ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक करती है लेकिन उससे पहले सुरक्षा उपायों पर ईमानदार प्रयास करने की जरूरत है।