जीएसटी और सेल्स टैक्स छापा, मचा हड़कंप, एक करोड़ से ज्यादा टैक्स चोरी का मामला

जीएसटी और सेल्स टैक्स छापा, मचा हड़कंप, एक करोड़ से ज्यादा टैक्स चोरी का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-12 16:58 GMT
जीएसटी और सेल्स टैक्स छापा, मचा हड़कंप, एक करोड़ से ज्यादा टैक्स चोरी का मामला


डिजिटल डेस्क सीधी। जीएसटी और सेल्स टैक्स की संयुक्त छापामार कार्यवाही ने ठेकेदारों की नींद उड़ा दी है। पंचायतों में सप्लाई के नाम से करोड़ों का व्यवसाय करने वाले ठेकेदार शासन को टैक्स नहीं दे रहे थे।  संयुक्त टीम द्वारा इस तरह के ठेकेदारों के यहां छापामार कार्यवाही शुरू कर दी गई है। हफ्ते भर के भीतर दो संविदाकारों के यहां से एक करोड़ से ऊपर की टैक्स चोरी का मामला उजागर हुआ है।
उल्लेखनीय है कि सीधी जिले में बुधवार को सेल्स टैक्स व जीएसटी की संयुक्त टीम ने दूसरी मर्तवा छापामार कार्यवाही की है। इसके पहले सोमवार को शहर के कृषि विज्ञान केन्द्र के पीछे छापा मारा गया था। एक दिन के अंतराल में मारे गये छापे में 1 करोड़ 17 लाख की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। जिन संविदाकारो के यहां छापा मारा गया है वे ग्राम पंचायतों में मटेरियल सप्लाई का काम भी करते रहे हैं। करोड़ों का व्यवसाय करने के बाद भी शासन को टैक्स नहीं दे रहे थे। ऊपरी तौर पर भले ही आर्थिक रूप से कमजोर होने का दिखावा करते रहे हैं किन्तु अंदर ही अंदर सरकार का टैक्स दबाकर मालदारों की श्रेणी में पहुंच गये थे। बीते बुधवार को सिहावल विकासखंड के पमरिया गांव में विनोद धर द्विवेदी के यहां जब छापामार कार्यवाही शुरू की गई तो घर में मौजूद रहे संविदाकार पीछे के रास्ते से फरार हो गए ताकि कार्यवाही से बच सकें। हालांकि इसके बाद भी वे बच नहीं पाए हैं। संयुक्त टीम की जांच पड़ताल में 56 लाख की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। कुल मिलाकर जीतेन्द्र सिंह उर्फ डाक्टर और विनोद धर द्विवेदी के यहां एक दिन के अंतराल में पड़े छापे के बाद 1 करोड़ 17 लाख की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। जिन संविदाकारो के यहां सेल्स टैक्स व जीएसटी टीम ने छापा मारा है उनकी तो चोरी उजागर हो गई है किन्तु अभी कई ऐसे घाघ ठेकेदार पड़े हुए हैं जो रसूख के बल पर वर्षों से टैक्स चोरी करते चले आ रहे हैं। कुछ सत्ताधारी पार्टी से नजदीकी संबंध बनाये रखने के कारण इतरा रहे हैं तो कुछ विपक्षी दल के प्रमुख नेताओं का खास होने के कारण निश्चिंत बने हुए हैं। हालांकि जिस तरह से छापामार कार्यवाही शुरू हुई है उससे तो बड़े-बड़े संविदाकारो की नींद उड़ गई है। छापे के बाद भले ही नेताओं के इशारे पर की गई कार्यवाही का आरोप लगाते देखे जा रहे हो पर असल में टैक्स की बड़ी चोरी ही सामने आ रही है। छापामार कार्यवाही में शामिल अधिकारियों की मानें तो जिले में अभी कई बड़ी कार्यवाइयां की जानी है।
पूर्व मंत्री के करीबी निशाने पर-
जीएसटी एवं सेल्स टैक्स ने अभी तक जिन दो संविदाकारो के यहां छापामार कार्यवाही की है वे पूर्व मंत्री के करीबी माने जाते हैं। इसीलिए आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार बदलने के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर ही पूर्व मंत्री के करीबियों पर छापा मारा जा रहा है। हालांकि छापामार कार्यवाही के बाद टैक्स चोरी की बड़ी राशि सामने आ रही है जिसे खुद संविदाकार भी नकार पाने में असमर्थ देखे जा रहे हैं। लम्बे समय से शासन को कर अदा न करने के कारण छानबीन के बाद बड़ा मामला सामने आ रहा है। करोड़ों के कारोबार बाद टैक्स चोरी के खुलासे की घटना को राजनीति से प्रेरित कार्यवाही कम से कम आमजन तो मानने को तैयार नहीं है। जो भी हो अगर दूसरे संविदाकारो पर भी आगे कार्यवाही होती है तो छापे से पीडि़त संविदाकारो के आरोपों पर अपने आप ही विराम लग जाएगा।
यहां सबसे ज्यादा टैक्स चोरी-
सीधी जिले में अकेले संविदाकार, सप्लायर ही टैक्स चोरी नहीं कर रहे बल्कि व्यापारी भी लम्बे समय से शासन को चपत लगा रहे हैं। वर्षों पहले इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स की जांच कार्यवाही हुआ करती थी किन्तु वह भी बंद हो चुकी है। जीएसटी लागू होने के बाद तो व्यापारियों से कोई पूछ परख ही नहीं हो रही है। हार्डवेयर, किराना, कपड़ा, जनरल स्टोर, मशीनरी का व्यापार करने वाले यहां ऐसे कम ही होंगे जो बिक्री का लेखा-जोखा रखते होंगे और शासन को तय समय पर टैक्स अदा करते होंगे। ज्ञात हो कि आभूषण सहित अन्य व्यवसाय में जुटे लोग ग्राहक को पक्की रसीद तक नहीं देते हैं। बड़े-बड़े त्यौहारो में लाखों का कारोबार सम्पन्न हो जाता है किन्तु सारा हिसाब किताब मुंहजवानी ही रहता है। इसीलिए व्यापारियों की टैक्स चोरी कम पकड़ में आ पाती है। हालांकि जीएसटी और सेल्स टैक्स के संयुक्त छापे  के बाद व्यापारिक प्रतिष्ठान भी सहमे-सहमे से देखे जा रहे हैं।

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