कोरोना पाजटिव के मौत की जांच में पांच डॉक्टर पाये गये दोषी
कोरोना पाजटिव के मौत की जांच में पांच डॉक्टर पाये गये दोषी
डिजिटल डेस्क सीधी। कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित की हालत गंभीर होने के बाद एम्बुलेंस न मिल पाने के कारण हुई मौत की जांच में पांच डाक्टर दोषी पाये गये हैं। समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध करा दिया होता तो संक्रमित की जान बच सकती थी।
बता दें कि कोरोना संक्रमित की मौत के बाद काफी हो-हंगामा हुआ था। परिजनों के आरोप के बाद युवक कांग्रेस ने दोषियों पर कार्यवाही को लेकर धरना भी दिया था। घटना को लेकर कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने तत्काल पूरे मामले की जांच के लिए अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली को सौंपी गई थी। जिस पर अपर कलेक्टर 28 सितंबर को जांच करने के लिए पहुंचे थे। अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली द्वारा चार बिंदुओं पर जांच की गई थी, जो जांच अब पूरी हो चुकी है। जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में मरीज के साथ किसी प्रकार की लापरवाही तो नही हुई, एम्बुलेंस समय पर पहुंची या नही, भर्ती होने से पूर्व जिला अस्पताल में ट्रीटमेंट कराया गया था क्या उसमें लापरवाही की गई और मरीज को बेंटिलेटर पर क्यों नही रखा गया है इन मुद्दों की जांच की गई थी। वहीं श्री पंचोली की जांच में जिला अस्पताल में एक और सबसे बड़ी लापरवाही निकल कर सामने आई थी जो रात में आने वाले मरीज होते है उनका ओपीडी में रिकार्ड मेंटेन नही होता है रजिस्ट्रे्रशन के बाद सीधे डॉक्टर के पास जाते है लेकिन वहां डाक्टर नही रहते है जिसकी वजह से काफी परेशानी है ये भी बड़ी लापरवाही आई जो इस बिंदु को भी जांच रिपोर्ट में एड किया गया था। जिसमें पांच डाक्टर दोषी पाये गए है। जिस पर अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने अपनी जांच रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई के लिए कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी को सौंप दी गई है। अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली द्वारा जिला अस्पताल में की गई जांच के दौरान पांच डॉक्टर दोषी पाये गए है। जिनमें डॉ अजय प्रजापति, डॉ आशीष ङ्क्षसह चौहान, डॉ आलोक दुबे, डीसीएचसी प्रभारी अविनाश जॉन एवं प्रभारी सीएमएचओ मुख्य रूप से दोषी पाये गए है। जिस पर अपर कलेक्टर द्वारा अग्रिम कार्रवाई के लिए कलेक्टर को अपनी जांच बंद लिफाफें में सौंप दी गई है।
रेफर के बाद नही मिला था एम्बुलेंस
जिले में कोरोना मरीजों के उपचार में स्वास्थ्य विभाग भले ही बड़े-बड़े दावे कर रहा हो लेकिन मरीज की हालत बिगडऩे पर रेफर के बाद एंबुलेंस की व्यवस्था तक समय पर नहीं कर पाता। ऐसा ही मंजर विगत माह कोविड-19 सेंटर के बाहर देखने को मिला था जहां रीवा के लिए रेफर होने के उपरांत 6 घंटे तक एंबुलेंस उपलब्ध ना हो पाने के कारण शहर के एक युवा व्यवसाई की तड़प-तड़प कर मौत हो गई थी।
इनका कहना है
कलेक्टर द्वारा जो जांच हमें सौंपी गई थी। मैनें कई बिंदुओं पर जांच की जिस पर पांच डॉक्टर दोषी पाये गए है। जिसका प्रतिवेदन हमने बंद लिफाफें में कलेक्टर को सौंप दी है। अब कलेक्टर प्रतिवेदन को कमिश्रर को भेजेगें। अब पूरे मामले पर कमिश्रर एक्शन लेगें।
हर्षल पंचोली,एडीएम, सीधी।