अन्नदाताओं को अब गुल बिजली मार रही करंट, रोपा लगाने नहीं हो पा रही पानी की व्यवस्था
अन्नदाताओं को अब गुल बिजली मार रही करंट, रोपा लगाने नहीं हो पा रही पानी की व्यवस्था
डिजिटल डेस्क,सिंगरौली (वैढन)। लंबे समय तक मौसम की बेरूखी से किसान परेशान थे लेकिन अब बिजली के गुल रहने पर उन्हें ऐसा करंट लग रहा है कि वे धान का रोपा भी नहीं कर पा रहे हैं। यहां किसानों ने बार-बार कई घंटों के लिए गुल हो रही बिजली को लेकर अपनी समस्या से विद्युत विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया है। किसानों का कहना है कि माड़ा के ग्राम ओखरावल, भुडक़ुड़, रम्पा, कोयलखूंथ, रौंदी, पड़री, राजाटोला, नादो तथा कोटिया सहित अनेक ग्रामों में पिछले कुछ दिनों से बिजली का रोना बना हुआ है। यहां किसान धान का रोपा लगा रहे हैं लेकिन खेतों में बारिश का पर्याप्त पानी न होने के कारण बोर या कुओं से मोटर लगाकर खेत को भरने की कोशिश की जा रही है, जिसमें बिजली अड़ंगा बनी हुई है। बिजली के न रहने के कारण वे पंप आद भी नहीं चला पा रहे हैं जिससे इस वर्ष उन्हें धान की खेती में नुकसानी उठाना पड़ सकती है।
मौसम का नहीं मिल रहा साथ
किसानों ने बताया कि माड़ा क्षेत्र में अनेक ऐसे ग्राम है जहां पानी तो बरसा है लेकिन किसानों की जरूरत के हिसाब से खेत अभी भी सूखे ही पड़े हैं। इस वर्ष वैसे ही बिलंब से धान की खेती की जा रही है और किसान किसी तरह अवर्षा की स्थिति में संचित जल को खेतों में भराव कर रोपा लगाने को विवश है। इन हालातों के चलते बिजली का रोना भी उनके लिए गले की फांस बन गया है। किसानों का कहना है कि यहीं हाल रहा तो धान आदि की पैदावार में वे काफी पीछे रह जावेंगे और उन्होंने जो रोपा तैयार किया है उसमें भी नुकसान उठाना पड़ेगा।
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बह जाता है पानी
माड़ा के अनेक ग्राम जो कि पहाड़ी क्षेत्र में बसे हुए हैं वहां बारिश का पानी तेजी से बह जाता है और ऐसे हालात में किसान मेड़ों के पार बांधते हुए पानी को रोकने के प्रयास कर रहा है। यहां किसानों का कहना है कि कुछ किसान रोपाई के लिए तो कुछ रोपी गई फसल में पानी डालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं। चूंकि पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते बारिश का पानी को क्यारियां सोख लेती हैं और इतनी भी बारिश नही होती की रोपा लगाने एवं क्यारियों में पानी बना रहे। वहीं बिजली व्यवस्था इन ग्राम क्षेत्रों में पिछले चार दिनों से चौपट है। वहीं दूसरी ओर संबंधित अधिकारी जेई माड़ा अपना मोबाइल बंद किए हुए हैं ताकि किसान आदि शिकायत ना कर सकें।