यमराज बनकर समझाया क्यों जरूरी है ट्रैफिक रूल्स का पालन करना
बालाघाट यमराज बनकर समझाया क्यों जरूरी है ट्रैफिक रूल्स का पालन करना
डिजिटल डेस्क बालाघाट, बालाघाट गुरुवार को शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर कलाकारों ने अलग-अलग पोषाक, कहानियों के जरिए लोगों का अपनी तरफ न सिर्फ ध्यान खींचा बल्कि राहगीरों को ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के साथ जिंदगी की अहमियत भी समझाई। मौका था जिला परिवहन विभाग, बालाघाट और यातायात पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान यातायात नियमों के प्रति जारी जागरुकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक का। गुरुवार को सांस्कृतिक संस्था नूतन कला निकेतन के कलाकारों द्वारा परिवहन विभाग तथा यातायात पुलिस के मार्गदर्शन में अशोक मिश्र द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई, जिसका शीर्षक था जिंदगी एक सफर है सुहाना...।
खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखने का संदेश
दरअसल, नाटक के जरिए लोगों को ये संदेश देना था कि नियम विरुद्ध और सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर वाहन चलाने वाले अपने साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डालते हैं। इसलिए यातायात नियमों का पालन करते हुए हेलमेट, सीट बेल्ट जैसे जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ वाहन चलाएं और खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखें। कलाकारों ने शहर के मोती तालाब चौक, अंबेडकर चौक, बस स्टैंड एरिया सहित अन्य स्थानों पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। इस दौरान उन्हें राह चलते जिसने भी देखा, वह वहीं रुककर कलाकारों की प्रस्तुति और उनके द्वारा दिए जा रहे संदेश को गंभीरता से सुना और समझा। इस दौरान जिला परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल, यातायात थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह यादव, डालचंद राहंगडाले सहित अन्य मौजूद रहे।
अलग किरदार में दिया संदेश
नुक्कड़ नाटक के दौरान कलाकरों ने छोटी-छोटी कहानियों के जरिए यातायात नियमों का पालन करने का संदेश दिया। इस दौरान कलाकार प्रणीत हिरकने द्वारा यमराज और सम्यक बौद्ध द्वारा चित्रगुप्त का किरदार निभाया, जिसे सभी ने पसंद किया। नाटक में यमराज और चित्रगुप्त को सूत्रधार के रूप में प्रस्तुत कर नाटक को और भी अधिक रोचक और प्रभावशाली बनाने का प्रयास निर्देशक द्वारा किया गया। अन्य पात्रों और कोरस में अतुल गोंडाने, शुभम शुक्ला, उदित नारायण त्रिपाठी, यश ठाकरे, अनुज चौरसिया, अमृता सेन, मेघा हजारी, दिशा मेश्राम, दिव्या राहंगडाले, अर्पिता तिवारी एवं निशा पूछिया ने प्रशंसनीय कार्य किया। निकेतन के अध्यक्ष रूप बनवाले ने कहा कि लोगों तक सामाजिक संदेश पहुंचाने में नाटक एक सशक्त माध्यम है।