80 परिवारों को नहीं दिया राशन, मछली खाकर भर रहे पेट
80 परिवारों को नहीं दिया राशन, मछली खाकर भर रहे पेट
डिजिटल डेस्क डिण्डौरी। सरपंच, सचिव के तुगलकी फरमान के बाद ग्राम पंचायत मेहंदवानी में लगभग 80 परिवारों को राशन से वंचित किए जाने के बाद इन परिवारों को भरण-पोषण के लिए मछलियों का आहार करना पड़ रहा था और इस मामले की शिकायत कलेक्टर सहित सीईओ से भी की जा चुकी थी जहां कोई कार्रवाई न होने के बाद ग्रामीणों में खासा आक्रोश रहा। बताया जाता है कि दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने सीईओ को निर्देश जारी किए थे जिस पर शुक्रवार को सीईओ ने मौके पर पहुंचकर सरपंच, सचिव के तुगलकी फरमान को निरस्त करते हुए वहां राशन बटवाए जाने के निर्देश दिए है, लेकिन अभी तक यहां राशन का वितरण नहीं हो सका है जिसके कारण मेहंदवानी ग्राम पंचायत के लगभग 40 परिवार जिनमें बिरमत बाई, माहू सिंह, हज्जू लाल, मोहवती बाई आदि ने इस मामले की शिकायत पुन: करते हुए कहा है कि राशन न मिलने के कराण वे समीप के तालाबों में जाकर मछलियां पकड़कर उदर पोषण कर रहे है। ऐसे हालात में उन्हें अविलंब राशन उपलब्ध कराया जाए।
क्या है मामला
ग्राम पंचायत मेहंदवानी में राशन न मिलने के कारण लगभग 80 परिवारों ने इसकी शिकायत सीईओ जनपद पंचायत से की थी। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरपंच और सचिव ने तुगलकी फरमान जारी किया था जिसमें प्रधानमंत्री आवास व शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में राशन पर रोक लगा दी गई थी। इस मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की गई, लेकिन उनका कहना था कि ऐसे कोई आदेश जारी नहीं किए गए है जिसमें गरीब परिवारों को राशन से वंचित रखा जाए। वैसे मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने इसकी जांच कराई और सरपंच, सचिव द्वारा जारी किए गए तुगलकी फरमान को निष्क्रिय कर राशन दुकानदारों से राशन वितरण किए जाने को कहा।
शौच मुक्त को लेकर जारी किए आदेश
बताया जाता है कि सरपंच और सचिव ने ग्राम में आवास योजना के तरीके से क्रियान्वयन न होने और क्षेत्र को शौच मुक्त कराए जाने के ध्येय से ऐसे आदेश जारी किए थे। इन आदेशों का पात्र और अपात्र लोगों पर असर पड़ा था और ऐसे कई लोग भी शामिल थे जिन्हें राशन नहीं मिला और उन्हें न तो शासन की आवास योजना से कुछ लेना-देना था और न ही शौचालय निर्माण के लिए उन्हें कोई लाभ दिया गया था। इस मामले में गांव के 80 वर्षीय सहादत खान का कहना है कि न तो मेरे पास मकान है और न जमीन में अपनी बेटी के साथ रह रहा हूं इसके बावजूद भी उन्हें लाभ नहीं मिला है। यहां सरपंच, सचिव ने आदेश के साथ जो अपात्र लोगों की सूची भेजी थी उसमें लगभग 120 परिवारों के नाम थे। वही सेल्समेन मोहित साहू ने भी कहा कि ग्राम पंचायत के द्वारा आदेश दिया गया है कि सूची में जिन परिवारों के नाम है उन्हें खाद्यान्न न दिया जाये।
इनका कहना है
राशन दुकान से राशन दिए जाने का माामला सामने आने के बाद सरपंच, सचिव द्वार दिए गए आदेश निष्क्रिय कर गरीबों को राशन बटवाया जा रहा है।
जे.पी.मिश्रा, सीईओ
जनपद पंचायत मेहंदवानी