कोरोना संक्रमित युवक की मौत, सामने आई विभागीय लापरवाही
कोरोना संक्रमित युवक की मौत, सामने आई विभागीय लापरवाही
- 5 घंटे तक एंबुलेंस की प्रतीक्षा करते रहे परिजन, रीवा रवाना होने के पहले ही हो गई मौत
डिजिटल डेस्क सीधी। कोरोना संक्रमित पाए गए 40 वर्षीय युवक की मौत हो गई है। मंगलवार की शाम तबियत बिगडऩे पर रीवा रेफर करने के पांच घण्टे बाद भी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी और चिकित्सा के अभाव में युवक ने दम तोड़ दिया। कोरोना संक्रमितों के साथ हो रही लापरवाही युवक के असमय मौत का कारण बनी है।
उल्लेखनीय है कि शहर के कलेक्ट्रेट रोड जिला न्यायालय के बगल में स्थित शॉपिंग कंपलेक्स में प्रकाश कंप्यूटर की दुकान के संचालक 40 वर्षीय युवक को 21 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर जिला अस्पताल परिसर के आइसोलेशन वार्ड में अगले दिन 22 सितंबर की सुबह भर्ती कराया गया था। युवक की तबियत मंगलवार को अचानक ज्यादा खराब होने लगी जिस कारण उसे शाम करीब 6 बजे आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी ने रीवा के लिए रेफर कर दिया था। रीवा के लिए रेफर होने के उपरांत युवक के परिजन बेसब्री के साथ एंबुलेंस का इंतजार करने लगे पर जिले की चिकित्सा सेवाओं का आलम यह रहा कि 5 घंटे बाद भी रात 11 बजे तक उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। इस दौरान लगातार कोरोना पेशेंट की तबीयत खराब होती चली गई और रात 11 के उपरांत जब एंबुलेंस वाहन आइसोलेशन सेंटर में पहुंचा तो आनन-फानन मरीज को उस में शिफ्ट किया जाने लगा। पांच घण्टे बाद आई एम्बुलेंस में मरीज को ले जाने के दौरान एक बेहद लापरवाह घटना यह हुई कि आइसोलेशन वार्ड में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना पेशेंट के स्ट्रेचर को अपने स्वास्थ्य अमले द्वारा एंबुलेंस वाहन तक भेजने के बजाय मड़रिया स्कूल में कार्यरत मरीज के शिक्षक भाई जो हैवी डायबिटिक हैं उन्हें बिना पीपीई किट पहनाए ही सिर्फ हैंड ग्लब्स पहनाकर उनसे स्ट्रेचर उठवाकर एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया। बताया जाता है कि इस दौरान पूरे घटनाक्रम के साक्षी रहे परिजनों ने अंतत: फिर से आइसोलेशन वार्ड प्रभारी को उनके बंगले से विनती करके आइसोलेशन सेंटर में बुलाया जिन्होंने वहां पहुंचते ही एंबुलेंस में शिफ्ट किए गए कोरोना पेशेंट को देखते ही मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकीय लापरवाही से हुई मौत के उपरांत युवक के शव को एंबुलेंस में ही पीपीई किट पहनाकर रखा गया था। बुधवार को दाह संस्कार किये जाने की बात बताई गई है। फिलहाल, कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ शुरू से ही चली आ रही लापरवाही ने अंतत: एक युवक की जान ले ली है। जाहिर है गंभीर होने पर यदि तत्काल एम्बुलेंस की व्यवस्था हो गई होती और कोरोना संक्रमित को समय पर रीवा पहुंचा दिया गया होता तो शायद इस तरह की घटना सामने न आती। कोरोना संक्रमित की मौत के बाद जहां परिजनों सहित आमजनों में आक्रोश देखा जा रहा है वहीं वरिष्ठ अधिकारी खामोश हो गये हैं।
सीएमएचओ खुद रीवा में करा रहे इलाज
सीएमएचओ डॉ. बीएल मिश्रा की कोरोना पाजटिव रिपोर्ट आने और हालत गंभीर होने पर बीते दिनों रीवा रेफर किये जा चुके हैं। वे रीवा में ही कोरोना का इलाज करा रहे हैं। सीएमएचओ को अनुपस्थिति में दूसरे स्वास्थ्य अधिकारी कार्यभार संभाले हुए हैं। जिम्मेवार अधिकारी के न रहने पर विभागीय व्यवस्था और भी अस्त-व्यस्त हो गई है। हालांकि इसके पहले ही भोजन, नाश्ते में गुणवत्ता की शिकायत मिलती रही है साथ ही मरीजों की देखभाल में लापरवाही के भी आरोप लगते रहे हैं पर इसके बाद भी कुछ नहीं हो सका है।