शिकार के गुर सीखने शावक पेंच रवाना, बाघिन की मौत होने से हुए अनाथ

नागपुर शिकार के गुर सीखने शावक पेंच रवाना, बाघिन की मौत होने से हुए अनाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-31 13:17 GMT
शिकार के गुर सीखने शावक पेंच रवाना, बाघिन की मौत होने से हुए अनाथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर. गोरेवाड़ा से दो शावकों को शिकार के गुर सीखने के लिए पेंच के प्रशिक्षण केंद्र में भेजा गया है। बाघ के दोनों शावक पांढरकावड़ा के जंगल में पीकेटी-7 नामक बाघिन की मौत होने से अनाथ हो गए थे। उनकी उम्र 6 से 7 महीने है। बाघिन की मौत के बाद मां का दूध नहीं मिलने से वह कमजोर हो गए थे, जिसके बाद वन विभाग उन्हें गोरेवाड़ा ले आया, जहां उनका उपचार चल रहा था। प्रशिक्षण केंद्र में गुर सिखाने के बाद उन्हें पेंच के जंगलों में छोड़ा जाएगा।

8 दिन पहले लाया गया था

पीकेटी-7 नामक बाघिन पांढरकावड़ा के घाटंजी क्षेत्र में रहती थी। इसके दो शावक थे। किसी कारण से अचानक बाघिन की मौत हो गई, जिसके बाद शावक अनाथ हो गए। मां का दूध नहीं मिलने से वह काफी कमजोर हो गए थे। दोनों शावकों का रेस्क्यू कर नागपुर के गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में 8 दिन पहले लाया था। यहां उनका उपचार किया जा रहा था। पूरी तरह से स्वस्थ्य होने के बाद मुख्य वन्यजीव वार्डन ने इन शावकों को पेंच टाइगर रिजर्व के तितरलमंगी बाड़े में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद गुरुवार को पेंच के प्रशिक्षण केंद्र में इन्हें स्थानांतरित किया गया है।

तितरलमंगी के बाड़े में छोड़ा गया

इन शावकों को ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर, नागपुर की मदद से पूर्वी पेंच रेंज में स्थित तितरलमंगी के बाड़े में छोड़ा गया है। यहां उनको प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रक्रिया के दौरान डब्ल्यूआरटीसी, नागपुर की डॉ. शालिनी और टीटीसी नागपुर के डॉ. सुदर्शन काकड़े मौजूद थे। दोनों शावक स्वस्थ पाए गए और बाड़े के अंदर घूम रहे थे। इसके लिए एनटीसीए एसओपी के अनुसार रीवाइल्डिंग प्रक्रिया की जाएगी। क्षेत्र निदेशक श्री लक्ष्मी ए. और उप निदेशक, प्रभुनाथ शुक्ला, मंडल प्रबंधक, शतानिक भागवत, एसीएफ अतुल देवकर की उपस्थिति में आरएफओ मंगेश ताते के साथ प्रक्रिया पूरी की गई है।

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