शमशान की करोड़ों की भूमि पर असामाजिक तत्वों का कब्जा

सिमरिया शमशान की करोड़ों की भूमि पर असामाजिक तत्वों का कब्जा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-18 05:41 GMT
शमशान की करोड़ों की भूमि पर असामाजिक तत्वों का कब्जा

 डिजिटल डेस्क सिमरिया.। एक तरफ  शासन-प्रशासन द्वारा शमशान की भूमि को संरक्षित कर उसके चारों तरफ  बाउंड्री का निर्माण कराकर सुरक्षित किया जा रहा है जिससे अंतिम संस्कार के समय किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो इस हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में विभिन्न जाति वर्ग व समाज की आवश्यकता अनुसार भूमि संरक्षित की गई है तथा उसके परिसर में शासन-प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है। अब यह निर्माण कार्य कितना हुआ है विचारणीय प्रश्न है एक और जहां पर दिन रात शासन-प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी उसी रास्ते से चौबीसों घंटे निकलते हैं। वहां पर भी ग्राम के बाशिंदों द्वारा शमशान भूमि पर ही अतिक्रमण कर निर्माण कार्य कर लिया गया है तथा अंतिम संस्कार हेतु जमीन ही नहीं बची है जो भी बची है उस पर भी असामाजिक तत्वों की निगाह लगी रहती है तथा असामाजिक तत्व अतिक्रमण का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं मजे की बात यह है अपने तथाकथित रसूख का इस्तेमाल कर असामाजिक तत्व  ऐसे कार्यों को अंजाम देते हैं तथा इसमें प्रशासन की भूमिका भी संदेह से परी होती है। जबकि इस पर कार्यवाही होनी चाहिए तथा कम से कम शमशान की भूमि तो अतिक्रमण से मुक्त होनी चाहिए तथा इसमें स्थानीय पंचायत के कर्मचारियों व अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा ही मामला सिमरिया ग्राम पंचायत का है जहां पर नवीन बस स्टैंड के पास दमोह-पन्ना मुख्य मार्ग पर शासकीय खसरा क्रमांक 2211/1419 रकवा 1.445 की भूमि जो कि शमशान के लिए आरक्षित है तथा यहीं पर आधी से अधिक आबादी जो वर्तमान में निवासरत है  उन परिवारों की दिवंगत लोगों के संस्कार होते हैं। विदित है कि इस बेशकीमती जमीन पर रातोंरात जेसीबी मशीन की सहायता से 10 दुकानों के पिलर खोदकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया तथा जबरन अतिक्रमण कर लिया। जब इस बात की जानकारी सुबह सिमरिया के निवासियों को लगी तब बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए और तहसीलदार सिमरिया को इस आशय का ज्ञापन सौंपा। जिसमें तहसीलदार ने तुरंत ही ग्रामीणों की सहायता से उक्त निर्माण कार्य पर राजस्व एवं पुलिस बल के साथ पहुंचकर रोक लगा दी तथा गड्डे भरवा दिए परंतु स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जेसीबी द्वारा गड्ढे किए गए एवं जिनके द्वार यह कार्य कराया गया उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ  लोगों का कहना है कि कहीं इस सारे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है इसकी भी जांच होनी चाहिए क्योंकि पुलिस थाने के करीब स्थित परिसर में जेसीबी चलती रही अतिक्रमण होता रहा व किसी को कानों कान खबर नहीं लगी निश्चित तौर पर यह संदेह पैदा करता है। 
पूरा शमशान परिसर अतिक्रमण की चपेट में
सिमरिया में उक्त रकवा क्रमांक श्मशान भूमि के लिए आरक्षित है परंतु चारों ओर से अतिक्रमणकारियों ने कब जाकर रखा है। शमशान की भूमि मुख्य मार्ग पर स्थित है और लोगों द्वारा चारों तरफ  कब्जा कर लिया गया है। जिससे लोगों को आने जाने में बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय निवासियों के बार-बार आग्रह के बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस कारण पूरे परिसर में अवैध कब्जा होता जा रहा है ऐसा ही होता रहा तो आने वाले समय में परिसर में अंतिम संस्कार के लिए जगह ही नहीं बचेगी। ग्राम पंचायत सिमरिया द्वारा भी श्मशान भूमि के रखरखाव हेतु कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है पंचायत द्वारा बाउंड्री वाल का निर्माण भी नहीं कराया जा रहा है साथ ही पूरे परिसर में गंदगी रहती है जिसमें आवारा सुअर व अन्य पशु घूमते रहते हैं और गंदगी करते हैं। परिसर की साफ -सफाई हेतु कोई व्यवस्था नहीं की जाती। वहीं दूसरी तरफ  पूरे सिमरिया में ही अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद है पूरे सिमरिया में जहां कहीं पर भी शासकीय भूमि पड़ी है। अतिक्रमणकारियों द्वारा अनधिकृत रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य कर लिया गया है। शासन-प्रशासन मूकदर्शक की भूमिका में बना हुआ है। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए तथा अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजना चाहिए तभी अतिक्रमण से लोगों को मुक्ति मिलेगी।
इनका कहना है
""ग्रामीणों की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करते हुए काम बंद करा दिया गया है एवं अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।""  
 

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