कोरोना! अब जितने संक्रमित मिल रहे उससे कहीं ज्यादा ठीक हो रहे
कोरोना! अब जितने संक्रमित मिल रहे उससे कहीं ज्यादा ठीक हो रहे
सितम्बर में 64 प्रतिशत रहा रिकवरी दर, अक्टूबर माह शुरू होते ही दस प्रतिशत की हुई बढ़ोत्तरी
भास्कर ब्यूरो,सीधी। कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ्य होने का डर सितम्बर महीने में अगस्त के मुकाबले दस फीसदी तक नीचे चला गया था किन्तु अक्टूबर माह की शुरूआत होते ही रिकवरी दर ने फिर से बढ़त ले ली है। बीते माह के आखिरी सप्ताह से ही रिकवरी दर में इजाफा शुरू हुआ तो अब यह आंकड़ा अगस्त महीने के रिकवरी दर के बराबर पहुंच गया है। वर्तमान में जितने कोरोना के मरीज मिल रहे हैं उससे कहीं ज्यादा ठीक होकर घर जा रहे हैं।
जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 9 सैकड़ा के करीब पहुंच गया है। जिन दिनों जिले में कोरोना के संक्रमित मिलने शुरू हुए उस समय किसी को यह अनुमान नहीं रहा होगा कि कोरोना के इतने ज्यादा संक्रमित यहां भी मिल सकते हैं। अगस्त महीने के पहले तक कोरोना संक्रमितों की तादात काफी कम रही है किन्तु जैसे ही यह महीना समाप्त हुआ वैसे ही कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन सैकड़ा के पार पहुंच गई। बीते दो माह के दौरान जिस तेजी से कोरोना संक्रमित मिले हैं उससे तो अनुमान लगाया जाने लगा है कि आने वाले दिनों में सीधी जिला संक्रमितों के मामले में किसी से कमजोर नहीं रहेगा। हालांकि इस बीच सुखद खबर यह है कि थोक में पाये जा रहे कोरोना पाजटिव अब तेज रफ्तार से स्वस्थ्य होने लगे हैं। बता दें कि अगस्त महीने के आखिरी दिनों तक कोरोना का रिकवरी दर 74.40 प्रतिशत रहा है जहां सितम्बर में गिरावट आने लगी तो रिकवरी दर सीधे 64 प्रतिशत के करीब पहुंच गया। अक्टूबर महीने की शुरूआत जिले के लिए अच्छी मानी जा सकती है क्योंकि माह के शुरूआत से ही स्वस्थ्य होने वालों की संख्या हर रोज मिल रहे संक्रमितों की अपेक्षा दोगुनी रफ्तार में पाई जा रही है। गुरूवार को जिले में कुल 56 लोग एक साथ स्वस्थ्य होकर घर रवाना हुए हैं। इसके पहले तक स्वस्थ्य होने वालों की इतनी संख्या सामने नहीं आई थी। जाहिर है जिस तरह से कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ्य होने का आंकड़ा बढ़ रहा है उससे तो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने भी राहत की सांस लेनी शुरू कर दी होगी। हालांकि इस बीच कोरोना संक्रमितों में से 7 की मौत अभी भी आमजनों को डरने के लिए मजबूर कर रही है किन्तु रिकवरी दर में बढ़ोत्तरी काफी राहत भरी खबर मानी जा रही है। जो भी हो वर्तमान में जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमित मिल रहे उस हिसाब से तो आमजनों को संक्रमण से बचाव की ही सलाह दी जा रही है। रिकवरी दर में भले ही बढ़ोत्तरी हो रही किन्तु इसका मतलब यह कतई नहीं कि लोग संक्रमण के खतरे से एकदम अनजान बन जाये। जरूरी उपाय तब तक करते रहने पड़ेंगे जब तक की कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाती।
पूरे नहीं हुए ज्योतिष के दावे
कोरोना संक्रमण शुरू होते ही देश भर के ज्योतिषियों ने कोरोना की दवा मिलने और संक्रमण के कमजोर पडऩे के संबंध में अलग-अलग दावे किये थे किन्तु कोई भी दावा अभी तक सच होते नहीं दिखा है। सोशल मीडिया सहित राष्ट्रीय चैनलो के ज्योतिषीय कार्यक्रमों में कहा जा रहा था कि जून माह से कोरोना का असर कम होने लगेगा तो सितम्बर माह के आखिर तक में दवा मिल जाएगी। ज्योतिष पर विश्वास करने वाले लोगों ने मान भी लिया था किन्तु समय गुजरने के साथ ही ज्योतिष के दावे फलीभूत नहीं हो सके हैं। अब तो इस संंबंध में दावे भी देखने-सुनने को कम मिल रहे हैं। एक तरफ जहां ज्योतिषी कोरोना वैक्सीन इंतजार कर रहे वहीं लम्बे समय से कोरोना संक्रमितों की सेवा में जुटे डाक्टर और अन्य स्टाफ भी बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। वैक्सीन मिले तो लम्बे समय से सिरदर्द बने कोरोना से राहत मिले किन्तु अभी इस तरह की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। इसीलिए जानकार संक्रमण से बचने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन करते रहने की नसीहत दे रहे हैं।