एनजीटी के निर्देश पर बंद रहा कोयला परिवहन, करोड़ों का कारोबार प्रभावित
एनजीटी के निर्देश पर बंद रहा कोयला परिवहन, करोड़ों का कारोबार प्रभावित
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (मोरवा)। प्रतिदिन ढाई लाख कोयले का उत्पादन करने वाली एनसीएल सिंगरौली का सड़क से कोयला परिवहन पर रोक लगने से प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के चलते सड़क से कोल परिवहन करने वाले वाहनों के पहिये जाम हो गये है। करीब दो दशकों से यूपी के सोनभद्र और एमपी के सिंगरौली जिले में फैली एनसीएल की 10 कोयला खदानों से प्रतिदिन कोयले की ढुलाई सड़क मार्ग से हो रहा था। यह साल में एक या दो बार चुनाव या फिर जिला प्रशासन के निर्देश पर कुछ ही घंटों के लिये परिवहन बंद होता था। आमतौर पर यह प्रक्रिया 24 घंटे तक प्रभावशील रहती थी। दरअसल, दो वर्ष पहले एनजीटी ने क्षेत्र में भारी प्रदूषण की शिकायत को गंभीरता से लिया था और कोयले को सड़क मार्ग से परिवहन किये जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये थे। एनसीएल और विद्युत उत्पादक सरकारी व गैर सरकारी संस्थान किसी न किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था बनाए जाने तक राहत पाने में सफल हो जाते थे। अब पहली बार रोड से कोयला ढुलाई में लगे प्रतिबंध पर से अफरातफरी का माहौल कायम हो गया है।
आदेश का कड़ाई से हो पालन
ओवरसाइट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति सेवानिवृत राजेश कुमार इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिनांक 7 जून 2019 को सर्किट हाउस प्रयाग में अश्विनी कुमार दुबे बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सडक़ मार्ग से कोयला परिवहन रोकने के निर्देश दिया है। कोयले की ढुलाई के लिये कहा है कि सोनभद्र और सिंगरौली एमपी और यूपी एनजीटी के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और संदर्भित अधिकारियों को कोयले से लोड वाहन की जांच कर जब्त करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति ने एनसीएल को इग्जिट प्वाइंट पर सीसीटीवी लगाने के लिये निर्देशित किया। यह भी स्पष्ट किया कि यदि सडक़ पर चलते कोयला से लोड वाहनों को पाया गया तो एनसीएल को भारी जुर्माना देना होगा। एनजीटी ने आरओ और डीएम सोनभद्र और सिंगरौली के लिये भी यह निर्देश जारी किया गया। इस संबंध में एनजीटी ने एनसीएल प्रबंधन को पूरी रिपोर्ट से वाकिफ करा दिया, जिसके बाद एनसीएल ने अपने परिक्षेत्र में कोयले का परिवहन सडक़ मार्ग से बंद करा दिया है। इतना ही नहीं एनसीएल प्रबंधन ने प्रत्येक प्रोजेक्ट के खदान के इग्जिट गेट पर नोटिस का चस्पा करा करा दिया जिसके बाद से कोयला परिवहन बंद है।
सिंगरौली-मोटर एसोसिएशन ने किया विरोध
अचानक कोयले के परिवहन बंद होने से सिंगरौली मोटर एसोसिशन के अध्यक्ष जयकांत यादव व कोषाध्यक्ष करूणाकर पुरी ने कलेक्टर सिंगरौली को पत्र लिखकर कहाकि 22 जून से जिले में कोयला परिवहन बंद करा दिया गया है। जबकि जयंत से मोरवा रेलवे साइडिंग स्पर-1और गोरबी ब्लाक बी खदान से रेलवे स्टेशन स्पर साइडिंग नंबर 2 तक कोयला परिवहन बंद नही किया गया है। इससे सबसे अधिक दुर्घटनाएं और प्रदूषण इसी रोड पर होता है। जिससे एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं होता है, यदि इन दोनों साइट को 12 घंटे के अंदर बंद नहीं किया गया तो सिंगरौली मोटर एसोशिएसन के साथ धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा।
मंडियों में मची अफरातफरी
एनसीएल की झिंगुरदह, गोरबी ब्लॉक बी, जयंत और अन्य कई खदानों से प्रति दिन रोड सेल के लिए लगभग 500 ट्रक कोयला बनारस की चंदासी, कटनी, सतना, डाला सीमेंट,कनौडिया केमिकल्य रेनूकूट,बेला अल्ट्राट्रेक व अन्य छोटे लघु उद्योगों को कोयला जाता है। जिससे देश के कल कारखाने और ईट भट्टे संचालित होते हैं। इन मंडियों में कोयले की शार्टेज हो गयी है।
स्थानीय उद्योग भी होगें प्रभावित
एनसीएल के मुहाने पर कई निजी उद्योग भी कोयले की किल्लत से जूझने लगे हैं। जो सीधे खदानों से कोयला सडक़ मार्ग से ले जाते थे। इन्हीं विद्युत प्लांटों में सबसे अधिक ट्रकों का उपयोग हो रहा था। जिससे लिये कम से कम 4 हजार हाइवा ट्रक उपयोग किये जा रहे थे। इनमें एनटीपीसी शक्तिनगर, रेनूसागर पावर डिवीजन, अनपरा विद्युत केन्द्र, लैकों पावर,अल्ट्राटेक डाला, एमपी के हिंडालकों, जेपी,एस्सार पावर, टीआईएल व अन्य बड़े उद्योग शामिल हैं।
इंटर्नल साइट्स के नाम पर चालू
सिंगरौली मोटर एसोसिएसन ने जयंत से मोरवा और गोरबी से मोरवा साइडिंग से कोयला बंद कराने की मांग की है। बताया जाता है कि एनसीएल ने इन दोनों रोड को अपनी निजी भूमि पर होने का हवाला दिया है। जबकि जयंत से मोरवा कोल साइडिंग वाया मेढ़ौली ओल्ड एनएच-75 और न्यू एनएच 135सी है। इसी प्रकार गोरबी से मोरवा रोड एनएच 75ई है जिसकी जानकारी को छिपाया जाना बताया जा रहा है।
इनका कहना है
एनजीटी के निर्देशों पर सडक़ मार्ग से कोयला परिवहन बंद करा दिया है। जिससे कई हजार लोग प्रभावित हो गये है। लेकिन जयंत से मोरवा और गोरबी से मोरवा साइडिंग पर कोयला परिवहन बंद नही कराया गया है। जबकि इसी से अधिक प्रदूषण व दुर्घटनाएं होती है। एनसीएल इसे भी बंद कर कर सभी के साथ न्याय करे।
राजेश सिंह, सिंगरौली मोटर एसोशिएसन
एनजीटी के निर्देशों के आलोक में सभी कोयला खदानों से सडक़ मार्ग से कोयला परिवहन को बंद करा दिया गया है। एनजीटी के आदेश का पालन हर हाल में किया जायेगा,राष्ट्रहित में कार्य करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में न्याय के लिए दरवाजा खटखटाया जायेगा।
सीरज कुमार सिंह, पीआरओ एनसीएल
कोल ट्रांसपोर्टिंग को लेकर किसी प्रकार के आदेश नहीं जारी किये गये है। जो जैसे चल रहा था वैसे ही है मेरे द्वारा इस संबंध में किसी को निर्देशित नहीं किया गया है।
केवीएस चौधरी कलेक्टर सिंगरौली