चुनाव: CM केजरीवाल बोले- राजनीति से दूर रहे दिल्ली का विकास, 1 फरवरी को ही पेश हो बजट
चुनाव: CM केजरीवाल बोले- राजनीति से दूर रहे दिल्ली का विकास, 1 फरवरी को ही पेश हो बजट
- चुनाव की चिंता किए बिना बजट पेश करे सरकार: CM केजरीवाल
- दिल्ली विकास के लिए बजट में जमकर घोषणाएं हो: CM केजरीवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार से 1 फरवरी को ही बजट पेश करने की अपील की है। सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को बताया कि चुनाव के दौरान वोटर्स प्रभावित न हो इसलिए उन पर बजट स्थगित करने के लिए दबाव बनाया गया, जिससे वह असहमत है। उन्होंने कहा है कि "दिल्ली का विकास किसी भी कीमत पर रुकना नहीं चाहिए और राजनीति को भी विकास से अलग रखना चाहिए।"
Delhi CM @ArvindKejriwal"s Press Conference pic.twitter.com/Man19SfBTH
— AAP (@AamAadmiParty) January 16, 2020
केंद्र को चिट्ठी लिखेंगे सीएम केजरीवाल
दरअसल दिल्ली विधानसभा के चुनाव 8 फरवरी को होने जा रहे हैं और क्षेत्र में आचार संहिता की घोषणा भी कर दी गई है, लेकिन 1 फरवरी को केंद्र सरकार बजट पेश करने जा रही है। इस बजट में दिल्ली वोटर्स को लुभाने के लिए कई घोषणाएं भी की जा सकती है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि "बजट से वोटर्स प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन दिल्ली का विकास न रुके इसलिए हम चाहते हैं कि बजट में दिल्ली के लोगों और विकास के लिए भरपूर घोषणाएं की जाए।" उन्होंने बताया कि "मैं केंद्र को चिट्ठी लिखकर कहूंगा कि आप चुनाव की चिंता नहीं करना और आप देश और दिल्ली के लिए बेहतर बजट पेश करे।"
विकास के लिए जमकर घोषणाएं हो
सीएम केजरीवाल ने कहा कि "बजट में प्रदूषण रोकने के लिए उचित फंड्स का प्रावधान किया जाना चाहिए। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से निजात पाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार को जो भी फंड देने की जरूरत है, ऐसा भी प्रावधान होना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि "इसके अलावा प्रदेश सरकार को दिल्ली के विकास के लिए भी केंद्र फंड मुहैया कराए और बजट में खूब घोषणाएं करे, जिससे आने वाली सरकार बेहतर तरीके से लोगों के लिए काम कर सके।"
70 सीटों पर चुनाव
दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होना है, जिसके नतीजे 11 फरवरी को घोषित कर दिए जाएंगे। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने लोकप्रियता पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और विरोधियों का सूपड़ा साफ कर दिया था। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में 70 में से 67 सीटें प्राप्त की थी, जबकि भाजपा सिर्फ 3 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी थी।