जिला अस्पताल में ब्लड उपलब्ध, फिर भी डॉक्टर निजी संस्थान से बुलवा रहे ब्लड
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में ब्लड उपलब्ध, फिर भी डॉक्टर निजी संस्थान से बुलवा रहे ब्लड
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को परासिया रोड स्थित निजी संस्थान से ब्लड लाने मेडिकल के डॉक्टर सलाह दे रहे है। जबकि जिला अस्पताल में जरुरतमंद मरीजों को ब्लड आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है। यही स्थिति ब्लड संबंधी जांच की भी है। डॉक्टर मरीजों की जांच प्राइवेट लैब से करा रहे है। कमीशन के चक्कर में मरीज और उनके परिजनों को निजी संस्थानों में भेजा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक पीआरबीसी ब्लड के लिए मरीजों को निजी संस्थान भेज रहे है। जिला अस्पताल में यही सुविधा नि:शुल्क है। यही ब्लड यूनिट निजी संस्थान में लगभग दो हजार रुपए में दी जाती है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीज और उनके परिजन काफी परेशान है। इस संबंध में चर्चा के लिए मेडिकल कॉलेज डीन से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
कमीशन का बड़ा खेल-
सरकारी अस्पताल से मरीज ब्लड या जांच कराने निजी संस्थानों में पहुंचता है, तो इन संस्थानों से संबंधित डॉक्टर को कमीशन मिलता है। हर जांच और ब्लड के एवज में पचास से सत्तर प्रतिशत तक कमीशन डॉक्टर का होता है।
अस्पताल की ब्लड कम्पोनेंट मशीन बंद-
जिला अस्पताल की पैथालॉजी लैब में रखी ब्लड कम्पोनेंट मशीन बंद पड़ी है। जिसकी वजह से ब्लड से प्लाज्मा अलग करने की व्यवस्था नहीं है। मशीन बंद होने का हवाला देकर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मरीजों को निजी संस्थानों में भेज रहे है।