भोपाल: कोरोना मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ गया एंबुलेंस ड्राइवर, मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

भोपाल: कोरोना मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ गया एंबुलेंस ड्राइवर, मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-07 09:50 GMT
भोपाल: कोरोना मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ गया एंबुलेंस ड्राइवर, मौत, CM ने दिए जांच के आदेश
हाईलाइट
  • चिरायु और पीपुल्स हॉस्पिटल के बीच कोरोना मरीज की फजीहत
  • पीपुल्स अस्पताल की पार्किंग में मरीज को छोड़ गया एंबुलेंस ड्राइवर  

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना मरीज के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है। यहां इलाज को लेकर दो अस्पतालों के बीच फजीहत में एक मरीज की जान चली गई। इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पताल द्वारा मरीज को दोबारा भर्ती करने से इनकार करने पर एंबुलेंस का ड्राइवर पेशेंट को हॉस्पिटल के बाहर पार्किंग में ही छोड़कर चला गया। इन्हीं उलझनों के बीच कोरोना से जंग लड़ रहे व्यक्ति की मौत हो गई। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दिए हैं।   

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दरअसल 59 वर्षीय बिजली कंपनी के लाइन इंस्पेक्टर वाजिद अली पीपुल्स हॉस्पिटल में 13 दिन पहले किडनी के इलाज के लिए भर्ती हुए थे। सोमवार सुबह उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद शाम को चिरायु अस्पताल से एंबुलेंस उन्हें लेने पहुंची। मरीज को लेकर एंबुलेंस पीपुल्स हॉस्पिटल से रवाना हो गई लेकिन तबीयत बिगड़ते देख ड्राइवर उन्हें रास्ते से वापस ले आया, लेकिन पीपुल्स हॉस्पिटल ने दोबारा भर्ती करने से इनकार कर दिया। स्ट्रेचर तक नहीं दिया। 

जिसके बाद एंबुलेंस ड्राइवर पेशेंट को पार्किंग एरिया में जमीन पर ही पटककर चला गया। बाद में पीपुल्स हॉस्पिटल के दो कर्मचारी ऑक्सीजन लेकर मरीज के पास पहुंचे, उन्हें स्ट्रेचर पर लेटाया। सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन तब तक मरीज दम तोड़ चुका था। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने की बात कही है।

पिता का पता लगाने के लिए कई अस्पतालों में भटका बेटा
पीड़ित के बेटे आबिद अली ने बताया, पीपुल्स हॉस्पिटल में बिल का भुगतान करने बाद वह घर चला गया था। एम्बुलेंस में अपने पिता के साथ जाना चाहता थे, लेकिन जाने नहीं दिया गया। आबिद अली ने कहा, जब पिता को वापस लाने की खबर मिली तो वह फिर से पीपुल्स हॉस्पिटल पहुंचे लेकिन वहां स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद वे हमीदिया पहुंचे, वहां भी उनके पिता नहीं मिले। इसके बाद चिरायु पहुंचे जहां पता चला कि पिता की मौत हो गई है। आखिरी बार उन्हें देखने तक नहीं दिया गया।

"पीपुल्स हॉस्पिटल वाले अपनी लापरवाही छिपा रहे"
चिरायु हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अजय गोयनका ने कहा, ड्राइवर ने अच्छा काम किया क्योंकि उसे लगा मरीज बैरागढ़ भी क्रास नहीं कर पाएगा। उसे इंक्यूबेट करने की जरूरत लगी तो रास्ते से पीपुल्स को जानकारी दे दी गई, लेकिन उन्होंने मरीज को फिर से भर्ती करने से इनकार कर दिया। पीपुल्स हॉस्पिटल वाले अपनी लापरवाही छिपा रहे हैं।

"एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी" 
पीपुल्स हाईटेक हॉस्पिटल के चीफ मैनेजर उदय दीक्षित ने कहा, हमारे यहां कोरोना का इलाज नहीं होता है। चिरायु की एंबुलेंस बीच रास्ते से लौट आई। हो सकता है रास्ते में ही जान चली गई हो। हमारे पास रिकॉर्डिंग है एंबुलेंस वाला पार्किंग में मरीज को छोड़कर चला गया। एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी।

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