नामांतरण के लिए बाबू मांग रहा था रिश्वत, महिला ने कार्यालय के सामने बांध दी भैंस
नामांतरण के लिए बाबू मांग रहा था रिश्वत, महिला ने कार्यालय के सामने बांध दी भैंस
डिजिटल डेस्क सीधी। नामांतरण, वारिसाना तैयार करने के एवज में मांगी गई रकम की पूर्ति करने आज एक महिला ने एसडीएम कार्यालय के सामने अपनी भैंस को ही बांध दिया। लंबे समय से चल रहे प्रकरण के निपटारा के लिये पूर्व में दस हजार रुपये बतौर नजराना लिपिक के माध्यम से दिये थे। दस हजार रुपये की और मांग की जा रही थी जिसके एवज में पीडि़त महिला ने भैंस सुपुर्द कर दी है।
एसडीएम कार्यालय सिहावल में मंगलवार को अजीबो गरीब घटना देखने को मिली है। ग्राम पंचायत अमिलिया के नौढिय़ा गांव निवासी रामकली पटेल नामांतरण वारिसाना के प्रकरण केा लेकर लंबे समय से भटक रही थी। एसडीएम कार्यालय के लिपिक ने 20 हजार रुपये बतौर रिश्वत मांग किये थे जिस पर महिला ने दूध बेंचकर दस हजार रुपये तो दे दिये किंतु शेष रुपये चुकता करने उसकी हैसियत नहीं रही है। इसीलिये जिस भैंस के दूध को बेंचकर वह जीविकोपार्जन कर रही थी उसी भैंस को करीब 12 किमी पैदल ले जाकर एसडीएम कार्यालय के सामने बांध दिया। इसके साथ ही एसडीएम के बाबू को बता दिया कि वह शेष राशि का हिसाब भैंस से चुकता कर लें। बताया जाता है कि पहली मर्तबा घटित हुई इस तरह की घटना के बाद एसडीएम कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। कार्यालय के कर्मचारी महिला को भैंस वापस ले जाने दवाब बना रहे थे तो कई कार्रवाई हो जाने की धमकी दे रहे थे। घूंसखोरी से परेशान रामकली मौके पर ही भैंस के साथ डटी रही जहां देखते ही देखते तमाशबीनों का जमावड़ा लग गया।
हैरान रहे अधिवक्ता और आमजन-
एसडीएम कार्यालय के सामने रिश्वत के रूप में भैंस लेकर पहुंची महिला केा देखकर वहां कार्यरत अधिवक्ता हैरान रहे हैं। रमेश कुमार सिंह के अनुसार वह लंबे समय से सिहावल में पीडि़तों के पैरवी का काम कर रहे हैं पर इस तरह की घटना पहली बार देखी है। घूंसखोरी केा लेकर तो काफी चर्चा रही है किंतु यह नहीं पता था कि पीडि़त पर घूंस देने इस हद तक दवाब बनाया जायेगा। घटना को लेकर यह तो तय हो गया है कि पक्षकारों को लंबे समय तक परेशान करने के पीछे केवल मुंहमांगी रकम न मिल पाना ही प्रमुख कारण है। इस तरह की घटना समूचे क्षेत्र को कलंकित करती हैं। मंत्री सहित जिम्मेदारानों को संज्ञान लेना चाहिए।
क्या कहती है पीडि़ता-
अमिलिया नौढिय़ा निवासी रामकली पटेल कहती हैं कि वारिसाना नहीं हो रहा था और एसडीएम साहब ने कहा कि दस हजार रुपये ले आओ हो जायेगा। हमने चैत्र महीने में शुक्ला बाबू के जरिये 10 हजार रुपयेे दे दिये थे जहां दो-तीन माह में काम हो जाने का आश्वासन दिया गया था। बाद में जब अषाढ़ महीने में फिर से पता करने आई तो बताया गया कि तुम्हारी फाईल कहीं गुम गई है। कुछ पैसे और दे दो तो सब हो जायेगा। अब हमारे पास देने के लिये कुछ भी नहीं था जिस कारण वह अपनी भैंस को लेकर ही सुपुर्द करने चली आई थी। हालांकि कर्मचारी भैंस की स्थिति सही न होने की बात कह रहे थे पर वह क्या करती जो उसके पास था वही तो हाजिर करेगी। कर्मचारियों ने उसकी भैंस को भगा दिया है।
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दवाब बनाने एफआईआर का सहारा
एसडीएम कार्यालय के सामने घूंस के एवज में भैंस लेकर महिला के पहुंचने पर हुई तमाशेबाजी से नाराज एसडीएम आरके सिन्हा दवाब बनाने एफआईआर का सहारा लिया। बताया जाता है कि घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय मीडियाकर्मी और आमजन पहुंच गये थे जिनकी मौजूदगी एसडीएम को नागवार गुजरी। बताया जाता है कि घटना के समय कार्यालय में एसडीएम नहीं थे किंतु बाद में उन्होंने पुलिस चौकी सिहावल को करीब सात-आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर करने निर्देश दिये हैं।