आगर-मालवा: नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिले में अपंजीकृत योग्ताधारी एवं अपंजीकृत झोला छाप चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही
आगर-मालवा: नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिले में अपंजीकृत योग्ताधारी एवं अपंजीकृत झोला छाप चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही
डिजिटल डेस्क, आगर-मालवा। आगर-मालवा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला आगर मालवा के आदेश के परिपालन में आज मध्यप्रदेश उपचार्यगृह तथा रूजोउपचार संबंधी संस्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथाअनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के तहत नर्सिंग होम एक्ट नोडल अधिकारी डॉ. विजेन्द्र चुरिहार, निश्चेतना चिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सालय आगर डॉ. पंकज बघेल एवं फुड सेफ्टी ऑफिसर के.एल.कुम्भकार के द्वारा जिला के आगर एवं कानड़ में निरीक्षण किया गया। जिसमें बडौद रोड़ पर अनाधिकृत रूप से संचालित हो रहें 3 क्लिनिकों को सील किया गया। इसी प्रकार कानड़ में अनाधिकृत रूप बिना किसी अनुज्ञा के संचालित किये जा रहें 2 क्लिनिक, 01 पैथलॉजी कलेक्शन सेंटर को सील किया गया। चांदन गांव में अनाधिकृत रूप से संचालित हो रहें 2 क्लिनिकों को सील किया गया। वहीं विकास खण्ड आगर के 4 योग्यताधारी चिकित्सा व्यवसाय कर रहें क्लिनिक संचालकों को जिला स्तर से पंजीयन प्राप्त किये जाने के निर्देश दिये गये। कार्यवाही के दौरान सील किये गये क्लिनिकों के संचालकों को लिखित सूचना जारी की जाकर अपने शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेजों एवं क्लिनिक संचालन की मान्यता से संबंधित दस्तावेजों के साथ कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी में 05 एवं 06 जनवरी 2020 को दस्तावेज परीक्षण हेतु आहूत किया गया है। दस्तावेज परीक्षण उपरांत क्लिनिकों में उपलब्ध औषधी एवं संसाधनांे की जांच के उपरांत सील खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी। जिन स्थानों को सील बंद किया गया है यदि उन स्थानों पर संचालकों के द्वारा बिना अधेाहस्ताक्षरकर्ता अधिकारी की अनुमति के ताला खोलना एवं चिकित्सा कार्य करना पाया जाता है तो पुलिस प्रकरण दर्ज करवाया जाकर कानूनी कार्यवाही की जावेगी। उक्तानुसार कार्यवाही के संबंध में नोडल अधिकारी डॉ. विजेन्द्र चुरिहार के द्वारा जानकारी दी गई कि यह कार्यवाही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. मालवीय एवं डॉ. राजीव बरसेना, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिलाआगर मालवा के द्वारा दिये गये निर्देशानुसार की जा रही है यह कार्यवाही जिले में सतत् रूप से जारी रहना है। चिकित्सा कार्य से जुडे हुए प्रत्येक व्यक्ति को जिले से सक्षमताधारी पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त कर चिकित्सा कार्य करना चाहिये। आगामी कार्यवाही के दौरान जिनके पास सक्षमताधारी योग्तयाएवं पंजीयन की जानकारी नहीं मिलेगी उनके विरूद्ध मध्यप्रदेश उपचार्यगृह तथा रूजोउपचार संबंधी संस्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथाअनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के तहत कार्यवाही की जावेगी। जिसकी समस्त जवाब देही संबंधित की होगी।