अनूपपुर में साख गिराने वाली कंपनी बनायेगी सीधी-सिंगरौली फोरलेन
तिरूपति बिल्डिकॉन को कार्य मिलने फोरलेन का कार्य लंबा खिंचने के बने आसार अनूपपुर में साख गिराने वाली कंपनी बनायेगी सीधी-सिंगरौली फोरलेन
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)। सीधी-सिंगरौली मार्ग को लेकर पिछले 8 साल से जारी कवायद के बाद फोरलेन को मंजूरी जरूर मिल गई है, मगर जिस कंपनी को ठेका मिला उसकी लापरवाही का प्रमाण अनूपपुर देखा जा सकता है। ऐसे में सीधी-सिंगरौली फोरलेन के निर्माण का कार्य लंबा खिंचने के आसार बन गये हैं। बताया जाता है कि तिरूपति बिल्डिकॉन ने अनूपपुर में ठेका हासिल करने के बाद 1 साल का काम दो वर्षों में पूरा नहीं कर पाई थी। इसी के चलते निर्माण एजेंसी ने तिरूपति बिल्डिकॉन को दो बार एक्सटेंशन मिला था। अनूपपुर में कंपनी द्वारा साख गिराये जाने के कारण सीधी-सिंगरौली फोरलेन के कार्य को लेकर अभी से ही कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अनूपपुर में भी निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी थी और यहां भी फोरलेन की वर्किंग एजेंसी एक है। सूत्रों का कहना है कि इसी के चलते तिरूपति बिल्डिकॉन ने 20 फीसदी कम दर में निविदा प्रस्तुत की थी।
4 साल में बनाई थी 40 किमी सडक़
अनूपपुर ब्यूरो की जानकारी के अनुसार 40.6 किमी सडक़ बनाने के लिये तिरूपति बिल्डिकॉन ने 44 करोड़ में 29 जनवरी 16 में ठेका लिया था। संविदा एजेंसी को अनूपपुर से लेकर जतहरी बेंकटनगर छत्तीसगढ़ के बार्डर तक सडक़ का निर्माण करना था। बताया जाता है कि तिरूपति बिल्डिकॉन टेंडर मिले 8 महीने का समय हो चुका है और काम शुरू भी नहीं हो पाया है। इसी के चलते सीधी-सिंगरौली फोरलेन पर अभी से संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
फोरलेन में बननी हैं कई पुल और पुलिया
सीधी-सिंगरौली का ठेका हथियाने वाली कंपनी जब सीधी सडक़ नहीं बना पाई तो यहां तो कई पुल और पुलिया भी बनानी हैं। जानकारों का कहना है कि देवसर से आगे कुछ स्थानों पर पहाड़ काटकर सडक़ को निकालना है। यह काम किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इतना ही नहीं फोरलेन को सीधा बनाने के लिये कंपनी को 25 किमी. तक समतल कराना होगा। जानकारी के अनुसार सीधी-सिंगरौली का काम छोडकऱ बीच में भाग गई गैमन इंडिया ने वर्कप्लान से हटकर खुदाई कर डाली है। नये वर्कप्लान में इसे भी सीधा करना है।
105 किमी फोरलेन के लिये 24 माह की डेडलाइन
सीधी-सिंगरौली की 105 किमी फोरलेन के लिये 24 माह की डेडलाइन जारी की गई। यह ईपीसी पद्धति से फोरलेन के निर्माण के साथ वर्षकाल की अवधि भी शामिल है। सीधी-सिंगरौली फोरलेन के लिये 331.16 करोड़ की लागत से संविदा एजेंसी ने ठेका लिया है। बताया जाता है कि संविदा एजेंसी भूमि पूजन के पहले तक अभी डिटेल सर्वे का कार्य पूर्ण नहीं कर पाई है। इसके चलते सीधी-सिंगरौली फोरलेन के निर्माण की डेडलाइन से आगे खिंचने की आशंका जताई जा रही है।
परसौना-निगाही फोरलेन जैसी लीपापोती आशंका
एमपीआरडीसी ने जिले में जितनी भी सडक़ें बनाई है, वह सालभर नहीं चल पाई है। ताजा उदाहरण परसौना-निगाही की 9 किमी फोरलेन का है। फोरलेन के निर्माण के लिये कंपनी ने जहां डीएमएफ के 42 करोड़ फूंक दिये, वहीं परसौना-निगाही फोरलेन अभी से खस्ताहाल होने लगी है। इसके चलते इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी फोरलेन टिकाऊ नहीं बन पाई है। जानकारों का कहना है कि ठेकेदार और एमपीआरडीसी के अफसरों की जुगलबंदी से फोरलेन के निर्माण गुणवत्ता से जमकर खिलवाड़ किया गया है। हालांकि यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद लीपापोती की जांच शुरू हो गई है।
इनका कहना है
सीधी-सिंगरौली फोरलेन निर्माण की जिला स्तर से कड़ी निगरानी कराई जायेगी। यदि संविदा और निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य को गुणवत्ता के साथ पूर्ण नहीं किया तो शासन स्तर पर कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी। फोरलेन का निर्माण निर्धारित डेडलाइन में पूर्ण कराये जाने के लिये कड़ी निगरानी कराई जायेगी।
-राजीव रंजन मीना, कलेक्टर