मंदाकिनी सदानीरा होकर रहेगी, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के 800 कार्यकर्ताओं ने उठाया सफाई का बीड़ा
मंदाकिनी सदानीरा होकर रहेगी, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के 800 कार्यकर्ताओं ने उठाया सफाई का बीड़ा
डिजिटल डेस्क, सतना। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के चित्रकूट में 12 बरस वनवास काटने की साक्षी रही पुण्य सलिला मंदाकिनी के माथे से प्रदूषण का कलंक जल्द ही मिट जाएगा। अब मंदाकिनी न तो मैली रहेगी और न ही प्रदूषित। दरअसल, सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के 800 कार्यकर्ताओं ने मंदाकिनी नदी को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। पवित्र नदी की अविरल धारा को बचाने के लिए हर कोई आतुर दिखा। किसी ने हाथ में फावड़ा थामा तो किसी ने तगाड़ी उठा ली। देखते ही देखते कई क्विंटल कचरा मंदाकिनी के बाहर था।
जीवन की डोर है मंदाकिनी
ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. बीके जैन ने कहा कि मंदाकिनी मां गंगा का ही स्वरूप है। यह चित्रकूट के जीवन की डोर है। यदि यह डोर ही टूट जाएगी तो चित्रकूट का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के काल से आज तक चित्रकूट की धरती को मां मंदाकिनी ने अपने पवित्र जल से सिंचित किया है और आज यह हम सभी का दायित्व है कि इस मंदाकिनी की अविरल धारा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखें।
चलाया महाभियान
मंदाकिनी को प्रदूषणमुक्त और स्वच्छ रखने के लिए ट्रस्ट के 800 कार्यकर्ताओं ने बीड़ा उठाया। सभी सदस्य इकट्ठा होकर जानकी घाट पहुंचे और शुरू हो गया महाभियान। कई सदस्य मंदाकिनी नदी में उतरे और कचरा एकत्र करके तगाड़ियों में भरना शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने कचरा बाहर फेंकने के लिए मानव श्रंखला बना ली थी। नदी से निकलने वाला कचरा एक हाथ से दूसरे हाथ और दूसरे हाथ से तीसरे हाथ होते बाहर फेंक दिया गया। बाद में इस कचरे को डम्पर में भरकर नगर के बाहर फिंकवा दिया गया।
इस अभियान में सदगुरु महिला एवं शिक्षा समिति की महिला कार्यकर्ताओं और नगर परिषद के सीएमएओ रमाकांत शुक्ला ने अपने मातहतों के साथ बढ़चढ़ कर स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया।
काशी में फंसी ओएचई वायर अप-डाउन की पिट गई 12 टे्रन
गोरखपुर से मुम्बई जा रही काशी एक्सप्रेस में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात्रि पौने 12 बजे भदनपुर और अमदरा रेल खंड के बीच ओएचई वायर कोच में फंस गई। लूज वायर काशी एक्सप्रेस में फंसने से मुम्बई-हावड़ा रेल मार्ग साढ़े 4 घंटे ठप रहा। जिससे ट्रेनों को ग्रीन सिग्नल नहीं मिलने से स्टेशनों में घंटों खड़ी रही। सूचना के बाद कटनी से आरई का टावर वैगन आया और ट्रेक पर झूल रही ओएचई वायर को ठीक किया, इसके बाद साढ़े 3 बजे से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो पाया।