मासूमों को सेहतमंद रखने जिले में खुलेंगे 7 पोषण पुनर्वास केंद्र

परिजनों को जिला मुख्यालय तक नहीं लगानी पड़ेगी दौड़ मासूमों को सेहतमंद रखने जिले में खुलेंगे 7 पोषण पुनर्वास केंद्र

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-06 09:18 GMT
मासूमों को सेहतमंद रखने जिले में खुलेंगे 7 पोषण पुनर्वास केंद्र

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (वैढऩ)। सिंगरौली आकांक्षी और आदिवासी बहुल जिला है। तमाम आदिवासी आज भी जंगलों में निवास करते हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं भी अभी तक नहीं पहुंच सकी हैं। शिक्षा और जागरूकता के अभाव में तमाम बच्चे कुपोषित हो जाते हैं। इन बच्चों को पोषित बनाने के लिये जिले में 7 नए पोषण पुनर्वास केन्द्र खोले जा रहे हैं। इन नए केंद्र खोले जाने से उन बच्चों को लाभ मिलेगा जो अति कुपोषित होने के बाद भी पोषण पुनर्वास केंद्र तक नहीं पहुंच पाते थे। जिले में जो नए सात केंद्र खुल रहे हैं, ये सभी केंद्र उन्हीं क्षेत्रों में खोले जा रहे हैं, जहां पर कुपोषण की समस्या ज्यादा है। गौरतलब है कि जिले में अभी तीन ही पोषण पुनर्वास केंद्र हैं। इन तीनों की क्षमता भी 50 बच्चों को रखने की है, जबकि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा है। जिसके चलते ज्यादातर बच्चों को उनके घर में ही खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। घर में स्वास्थ्य की बेहतर देखरेख न हो पाने की वजह से बच्चों को ठीक होने में अधिक समय लगता था।
इन जगहों पर खुलेंगे केंद्र
एनसीएल के सहयोग से खुलने वाले पोषण पुनर्वास केंद्र जिले के मोरवा, तेलदह, खुटार, माड़ा, बिंदूल, सासन और मकरोहर में खोले जाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नए केंद्र आंगनवाड़ी भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जो भी सरकारी भवन रिक्त होगा, वहां पर स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों में एएनएम की पदस्थापना जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी। बाकी व्यवस्थाएं जैसे पलंग, कुर्सी, टेबल, बिस्तर सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं एनसीएल उपलब्ध कराएगा।
300 से अधिक बच्चे हैं अति कुपोषित
जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या वर्तमान में 350 से अधिक है, जबकि अति कुपोषित बच्चों को रखने के लिए जिले में वैढऩ, चितरंगी और देवसर में ही पोषण पुनर्वास केंद्र चल रहा है, उसमें भी सिर्फ 50 बिस्तर की व्यवस्था है। वहीं कुपोषित बच्चों की संख्या भी जिले में साढ़े 12 सौ से अधिक हैं। कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को तभी कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सकती है, जब उनके देखरेख और खान-पान की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों। माना जा रहा है कि जिले में सात नए केंद्र जो बनाए जा रहे हैं, उसका लाभ अति कुपोषित बच्चों को मिलेगा।
नए केंद्रों में मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
एनसीएल के सहयोग से खुलने वाले सातों नए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखे जाने वाले अति कुपोषित बच्चों को सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। परियोजना अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन और एनसीएल के बीच एमओयू साइन हो गया है, जल्द ही सातों पोषण पुनर्वास केंद्रों को शुरु कर दिया जाएगा। इन सभी केंद्रों में बच्चों के पोषण आहार के साथ-साथ इलाज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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