रिलायंस समेत 4 कंपनियों ने जलसंसाधन के दबाये 174 करोड़ रू.

 रिलायंस समेत 4 कंपनियों ने जलसंसाधन के दबाये 174 करोड़ रू.

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-24 12:49 GMT
 रिलायंस समेत 4 कंपनियों ने जलसंसाधन के दबाये 174 करोड़ रू.

-जलकर की वसूली में छूट रहा अफसरों को पसीना, अनुबंध की शर्तें दरकिनार फिर भी नहीं रोकी वॉटर सप्लाई 
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)
। रिलायंस (सासन पॉवर अल्टा मेगा प्लांट) समेत जिले की चार कंपनियों द्वारा जलकर के 1 अरब 74 करोड़ 62 लाख की भारी भरकम रकम दबाकर बैठ गई हंै। ऐसे में कंपनियों के जलकर की राशि की वसूली में जलसंसाधन विभाग के अफसरों का पसीना छूटने लगा है। इस मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि कंपनियों द्वारा खुलेआम अनुबंध शर्तों की धज्जियां उड़ाये जाने के बाद भी जलसंसाधन विभाग द्वारा वॉटर सप्लाई नहीं रोकी गई है। बताया जाता है कि जल संसाधन विभाग के अफसरों की सरपरस्ती के चलते कंपनियां जलकर की देनदारी को चुकाने से बच रही हैं। इसी के चलते  जलकर की मोटी रकम बकाया होने के बाद भी जलसंसाधन के अफसर कंपनियों पर सीधे तौर पर हाथ डालने से बच रहे हैं। जानकार बताते हैं कि जलसंसाधन द्वारा बकाया राशि जमा करने के लिये पत्राचार की आड़ में खानापूर्ति जरूर की है।
अकेले एस्सार पर 163 करोड़ की बकायेदारी 
जल संसाधन विभाग के बकायेदारों की सूची में सबसे अधिक राशि एस्सार पॉवर लिमिटेड बंधौरा पर बकाया होने की जानकारी सामने आई है। कार्यपालन यंत्री ने बताया कि एस्सार पॉवर 163 करोड़ 49 लाख की राशि जलकर की बकाया है। उन्होंने बताया कि एस्सार द्वारा 2018 से राशि नहीं चुकाने के कारण ब्याज समेत यह राशि 296 करोड़ तक पहुंच गई है। ईई का कहना है कि जलकर की राशि की वसूली के लिये तहसीलदार न्यायालय में आरआरसी प्रकरण प्रस्तुत किया जायेगा। मजे की बात यह है कि इतनी बड़ी रकम बकाया होने के बाद भी जलसंसाधन विभाग ने एस्सार की वॉटर सप्लाई रोकने का साहस नहीं जुटा पाया है।
रिलायंस के आगे अफसर नतमस्तक
सासन मेगा अल्ट्रा मेगा पॉवर प्लांट सासन के आगे प्रशासन के नतमस्तक होने की जानकारी सामने आई है। हालात यह है कि जिले के पांच सरकारी विभागों की रिलायंस पॉवर पर 1000 करोड़ की बकायेदारी होने के बाद भी प्रशासन इसके प्रबंधन पर ठोस कार्रवाई से बच रहा है। जानकारी के अनुसार रिलायंस प्रबंधन ने जलसंसाधन विभाग का भी 4 करोड़ 84 लाख दबा रखे हैं। रिलायंस प्रबंधन पर जलकर की पिछले डेढ़ से मोटी रकम बकाया होने के बाद भी जलसंसाधन विभाग के अफसर वॉटर की सप्लाई रोकने में कामयाब नहीं हो पाये हैं। ईई का कहना है रिलायंस की बकायेदारी पर कंपनी प्रबंधन को नोटिस जारी की गई है। इसके बाद भी रिलायंस प्रबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ पाया है।
इन कंपनियों को होती है पानी की सप्लाई
जलसंसाधन विभाग द्वारा जिले की छह कंपनियों को पानी की सप्लाई की जा रही है। जिले की गोपद, बिजुल, रिहंद जलाशय से बड़ी मात्रा में कंपनियों को पानी की सप्लाई की जा रही है। कंपनियों को सप्लाई किये जाने से जलसंसाधन विभाग को करीब 50 करोड़ के जलकर की आय हो रही है। जिले में सबसे अधिक पानी की सप्लाई जलसंसाधन विभाग द्वारा विंध्यनगर एनटीपीसी को की जा रही है। एनटीपीसी को जलसंसाधन विभाग रिहंद जलाशय से पानी की सप्लाई कर रहा है।
 

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